राशन दुकानों को लेकर खराब धारणा है, क्योंकि कदाचार पर कोई रोक नहीं है: दिल्ली उच्च न्यायालय

By भाषा | Updated: December 3, 2021 22:51 IST2021-12-03T22:51:09+5:302021-12-03T22:51:09+5:30

Bad perception about ration shops as there is no check on malpractice: Delhi High Court | राशन दुकानों को लेकर खराब धारणा है, क्योंकि कदाचार पर कोई रोक नहीं है: दिल्ली उच्च न्यायालय

राशन दुकानों को लेकर खराब धारणा है, क्योंकि कदाचार पर कोई रोक नहीं है: दिल्ली उच्च न्यायालय

नयी दिल्ली, तीन दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि उचित मूल्य की राशन की दुकानों को लेकर खराब धारणा है, क्योंकि काला बाजारी और कदाचार पर कोई रोक नहीं है। अदालत ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह अपनी घर घर राशन योजना में इन राशन की दुकानों को शामिल करने के बारे में विचार करे।

उच्च न्यायालय ने कहा कि चोरी और कदाचार को रोकने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है और दिल्ली सरकार से पूछा कि अगर उसने ऐसी सभी चीज़ों को रोका है तो यह राशन दुकानों के लिए क्यों नहीं किया जा सकता है।

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा, “ हम सब को उचित मूल्य की दुकानों को लेकर यह खराब धारणा है कि यहां कोई रोक टोक नहीं है और खाद्यन्न की काला बाजारी व कदाचार होता है। हमने इसी धारणा की वजह से राशन डीलरों के पक्ष में पहले कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया।”

अदालत दिल्ली सरकारी राशन डीलर्स संघ की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसने दिल्ली सरकार की ‘मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना’ को चुनौती दी है। अदालत ने मामले में आगे की दलीलों के लिए नौ दिसंबर की तारीख तय की है।

दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उन्होंने व्यवस्था में भाई-भतीजावादी कार्यप्रणाली और राशन के लीक होने को रिकॉर्ड पर रखा है और अब अधिकारियों ने एक ‘एंड-टू-एंड कम्प्यूटरीकृत प्रणाली’ स्थापित की है।

यह दलील दी गई कि योजना के लाभार्थी एसएमएस के माध्यम से योजना से अलग हो सकते हैं, इस पर उच्च न्यायालय ने कहा कि कुछ लोग अर्ध-साक्षर या अनपढ़ हैं और एसएमएस देखने या पढ़ने की जहमत नहीं उठाते हैं और इस तंत्र को कैसे अपनाया गया है।

इस पर वकील ने कहा कि इस तरह का तंत्र अपनाया गया है जिसके तहत किसी को भी मुफ्त में राशन की ‘होम डिलीवरी’ से मना नहीं किया जाएगा।

केंद्र दिल्ली सरकार की घर घर राशन योजना का विरोध कर रहा है। उसने पहले कहा था कि अदालत को किसी भी राज्य को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के ढांचे से हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए।

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Web Title: Bad perception about ration shops as there is no check on malpractice: Delhi High Court

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