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बाबूलाल मरांडी ने कहा- हेमंत सोरेन की झारखंड सरकार कोई काम नहीं कर रही, केवल बहाने बना रही

By भाषा | Updated: February 19, 2020 06:09 IST

बाबूलाल मरांडी नये झारखंड राज्य के गठन के बाद नवंबर 2000 से मार्च 2003 तक राज्य के पहले मुख्यमंत्री रहे थे। कुछ व्यक्तिगत कारणों से उनका पार्टी से वैमनस्य हो गया और 2006 में उन्होंने झारखंड विकास मोर्चा नामक नयी पार्टी का गठन कर लिया।

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ठळक मुद्देमरांडी को मैंने कभी भाजपा से बाहर का नहीं माना- अमित शाह मरांडी ने कहा, ‘‘यह सरकार केवल बहाने बना रही है,कोई काम नहीं कर रही। जबकि उसे चुनावों में जनता से किये अपने वायदों पर अमल करना चाहिये।’’

भाजपा में अपनी पार्टी झाविमो (प्र) का विलय करने वाले बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि राज्य में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार कोई काम नहीं कर रही है और केवल बहाने बना रही है। सोमवार को भाजपा में अपनी पार्टी के विलय के बाद पहली बार यहां प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने यह आरोप लगाये। मरांडी ने कहा, ‘‘यह सरकार केवल बहाने बना रही है,कोई काम नहीं कर रही। जबकि उसे चुनावों में जनता से किये अपने वायदों पर अमल करना चाहिये।’’

मरांडी ने पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं की जांच कराने से संबंधित हेमंत सरकार की घोषणा पर कहा कि जांच कराने से सरकार को किसने रोका है, सरकार जिस स्तर पर चाहे उसे जांच कराना चाहिये। भाजपा के एक नेता ने बताया कि मरांडी दिन में भाजपा प्रदेश मुख्यालय पहुंचे। पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया।

झारखंड विकास मोर्चा का भाजपा में विलय मरांडी का पुनः गृह प्रवेश : अमित शाह

भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को बाबूलाल मरांडी की झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के भाजपा में विलय के बाद कहा कि यह विलय वास्तव में मरांडी का पुनः गृह प्रवेश है। केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने बाबूलाल मरांडी का उनकी समस्त पार्टी के साथ भाजपा में स्वागत करते हुए कहा, ‘‘बिना सत्ता के कैसे लंबे समय तक समाज में काम किया जा सकता है, यह बाबूलाल मरांडी से सीखा जा सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मरांडी को मैंने कभी भाजपा से बाहर का नहीं माना। 2014 में पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद से ही उन्हें भाजाा में वापस लाने का प्रयास कर रहा था। लेकिन, मरांडी बहुत जिद्दी है, इस वजह से उनकी वापसी में देरी हुई।’’

बाबूलाल मरांडी नये झारखंड राज्य के गठन के बाद नवंबर 2000 से मार्च 2003 तक राज्य के पहले मुख्यमंत्री रहे थे। कुछ व्यक्तिगत कारणों से उनका पार्टी से वैमनस्य हो गया और 2006 में उन्होंने झारखंड विकास मोर्चा नामक नयी पार्टी का गठन कर लिया। झाविमो ने वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों में आठ सीटें जीती थीं और उनमें से छह विधायक दलबदल कर भाजपा में शामिल हो गये।

वर्ष 2019 के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर से अकेले चुनाव लड़ कर झाविमो ने तीन सीटें जीतीं लेकिन हाल में पार्टी विरोधी कार्यों के आरोप में उनमें से दो विधायकों प्रदीप यादव एवं बंधू तिर्की को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। अब विधानसभा में पार्टी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ही झाविमो के अकेले विधायक शेष रह गये हैं।

टॅग्स :बाबूलाल मरांडीहेमंत सोरेनझारखंड
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