मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बाबूलाल गौर का बुधवार सुबह निधन हो गया। वह 89 साल के थे। बाबूलाल का निधन भोपाल के नर्मदा अस्पताल में हुआ। वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और मंगलवार शाम उनकी तबीयत और गंभीर हो गई थी। मिली जानकारी के अनुसार ब्लड प्रेशर कम होने के साथ पल्स रेट भी गिर गया था। गौर पिछले 14 दिन से नर्मदा अस्पताल में भर्ती थे और वेंटीलेटर सपोर्ट पर थे। उनकी किडनी भी पूरी तरह से काम नहीं कर रही थी।
राज्य के कद्दावर नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले बाबूलाल गौर भोपाल के गोविंदपुरा विधानसभा सीट से 10 बार चुनाव जीतने में सफल रहे थे। वह 23 अगस्त 2004 से 29 नवंबर 2005 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। बाबूलाल गौर 1974 में पहली बार एक उप-चुनाव के साथ निर्दलीय के तौर पर विधान सभा पहुंचे थे। वह मध्य प्रदेश विधान सभा में सितंबर 2002 से दिसंबर 2003 के बीच विपक्ष के नेता भी रहे।
बाबूलाल गौर को इसी साल जुलाई में तबीयत खराब होने के बाद गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था। एंजियोप्लास्टी के बाद वह 27 जुलाई को वापस भोपाल लौट आए थे। बाबूलाल के खराब तबीयत की जानकारी मिलने के बाद कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के मौजूदा सीएम कमलनाथ भी उनसे मिले थे और जल्द ठीक होने की शुभकामना दी थी। राज्य के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर उनके जल्द ठीक होने की कामना की थी।
आपातकाल के दौरान जेल में भी रहे बाबूलाल गौर
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में 2 जून 1930 को जन्में बाबूलाल गौर सक्रिय राजनीति में आने से पहले श्रमिकों के हित के लिए अनेक आंदोलनों में भाग लिया करते थे। उन्होंने जेपी आंदोलन में भी हिस्सा लिया और आपातकाल के दौरान करीब 19 महीने जेल में रहे।
बाबूलाल गौर के निधन पर मध्य प्रदेश के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने ट्वीट कर दुख जताया। राकेश सिंह ने लिखा, 'यह कहते हुए अत्यंत दुःख हो रहा है कि हमारे मार्गदर्शक भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल जी गौर अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने प्रदेश में संगठन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ईश्वर दिवंगत आत्मा को श्रीचरणों में स्थान प्रदान करे।'