अयोध्या मामले से जुड़े नेताओं को PM मोदी ने दूर ही रखा, सिर्फ उमा भारती को अपनी पहली सरकार में कुछ समय के लिए मंत्री बनाया था

By हरीश गुप्ता | Published: October 1, 2020 01:41 PM2020-10-01T13:41:02+5:302020-10-01T13:41:02+5:30

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्रियों मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह समेत 32 अभियुक्तों को बड़ी राहत देते हुए सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को उन्हें इस मामले में बरी कर दिया।

babri masjid demolition case: PM Narendra Modi kept leaders associated with Ayodhya case away | अयोध्या मामले से जुड़े नेताओं को PM मोदी ने दूर ही रखा, सिर्फ उमा भारती को अपनी पहली सरकार में कुछ समय के लिए मंत्री बनाया था

पीएम मोदी ने आरोपी रहे पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह और तेजतर्रार नेता विनय कटियार को प्रधानमंत्री ने कभी ज्यादा महत्व नहीं दिया।

Highlightsबाबरी विध्वंस केस मामले में CBI अदालत ने सभी 32 आरोपी को बरी किया बाबरी विध्वंस मामले में कोर्ट ने कहा-घटना पूर्व नियोजित नहीं थी

नई दिल्ली: अयोध्या में विवादित ढांचा ध्वस्त करने के मामले में भाजपा के दिग्गज नेता भले ही बरी हो गए हों, मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा उनसे दूरी बनाकर रखी। सिर्फ उमा भारती एक अपवाद रहीं, जिन्हें मोदी ने अपनी पहली सरकार में कुछ समय के लिए मंत्री बनाया था।

इस मामले में आरोपी रहे पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह और तेजतर्रार नेता विनय कटियार को प्रधानमंत्री ने कभी ज्यादा महत्व नहीं दिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आग्रह पर कल्याण सिंह को स्वास्थ्य कारणों से राजस्थान का राज्यपाल बनाया गया था। कल्याण सिंह को मोदी ने राज्यपाल का दूसरा कार्यकाल नहीं दिया। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के लिए तसल्ली की बात सिर्फ यह रही कि पिछले लोकसभा के चुनाव में उनके पुत्र को भाजपा ने टिकट दे दी।

विनय कटियार को नहीं दिया था 2018 में राज्यसभा का टिकट

दूसरी ओर विनय कटियार इतने सौभाग्यशाली नहीं रहे। लोकसभा सदस्य रहने के बावजूद उन्हें 2018 में राज्यसभा का टिकट नहीं दिया गया। उन्हें कभी मंत्री भी नहीं बनाया गया। यह मालूम नहीं कि मोदी उन्हें क्यों नापसंद करते रहे हैं। प्रधानमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल में मोदी ने उमा भारती को मंत्री बनाया था लेकिन बाद में उन्हें मंत्रिमंडल से हटाकर भाजपा का उपाध्यक्ष बना दिया गया। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट से भी वंचित कर दिया गया। हाल ही में उन्हें भाजपा के उपाध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया। 

उमा भारती से नाखुश थे पीएम मोदी 

सूत्रों के मुताबिक 5 अगस्त को अयोध्या में प्रधानमंत्री राम मंदिर के शिलान्यास समारोह में गए थे, उस वक्त उमा भारती ने जो कुछ किया, उससे मोदी नाखुश थे। अयोध्या विवादित ढांचा मामले के दो आरोपी ब्रजभूषण शरण सिंह और लल्लू सिंह 2019 में भाजपा का टिकट पाने में सफल रहे। ब्रजभूषण 1991 से सांसद हैं। लेकिन उन्हें सरकार या पार्टी में अब तक कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है। इस मामले के सबसे युवा आरोपी पवन पांडे 60 वर्ष के हो चुके हैं। वह विधायक भी रह चुके हैं मगर मोदी ने उन्हें भी दूर ही रखा। डॉ। रामविलास वेदांती को श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट का सदस्य बनाया।
 

Web Title: babri masjid demolition case: PM Narendra Modi kept leaders associated with Ayodhya case away

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