लोकसभा चुनाव 2019: आजम खान के बेटे अब्दुल्ला के अब बिगड़े बोल, जया प्रदा के बारे में कही ये बात
By विनीत कुमार | Published: April 22, 2019 10:18 AM2019-04-22T10:18:40+5:302019-04-22T10:18:57+5:30
आजम खान के बेटे ने यह बयान रविवार को रामपुर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। रामपुर से 2004 और 2009 में सांसद रहीं जया प्रदा इस बार बीजेपी के टिकट पर यहां से लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं।
लोकसभा चुनाव-2019 में उत्तर प्रदेश के रामपुर से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आजम खान के बाद अब उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान ने जया प्रदा के बारे में विवादित टिप्पणी दी है। अब्दुल्ला आजम खान ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, 'अली भी हमारे, बजरंग बली भी हमारे। हमें अली भी चाहिए और बजरंग बली भी चाहिए लेकिन अनारकली नहीं चाहिए।'
आजम खान के बेटे ने यह बयान रविवार को रामपुर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। रामपुर से 2004 और 2009 में सांसद रहीं जया प्रदा इस बार बीजेपी के टिकट पर यहां से लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं।
SP leader Abdullah Azam Khan (son of SP leader Azam Khan) in Rampur: Ali bhi humare, bajrangbali bhi humare. Humein Ali bhi chahiye, bajrangbali bhi chahiye lekin Anarkali nahi chahiye. (21.4.19) pic.twitter.com/geozRjwAej
— ANI UP (@ANINewsUP) April 22, 2019
इससे पहले आजम खान भी जया प्रदा के बारे में एक बेहद विवादित बयान देकर फंस चुके हैं। आजम खान का वीडियो सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने दूसरे चरण के मतदान से पहले उनके 72 घंटे तक प्रचार करने पर रोक लगा दी थी। हालांकि, आजम ने बाद में अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने अपने बयान में जया प्रदा या किसी और का नाम नहीं लिया है।
आजम पर बैन के बाद भी उनके बेटे अब्दुल्ला सामने आये थे और आरोप लगाया कि उनके पिता को इसलिए बैन किया गया क्योंकि वे एक मुस्लिम हैं। अब्दुल्ला ने कहा कि कार्रवाई अनुचित है क्योंकि उनके पिता से स्थिति स्पष्ट करने को कहा ही नहीं गया।
अब्दुल्ला ने आरोप लगाया, 'जिस भाषण में नाम या लिंग का कोई उल्लेख नहीं है, बीजेपी को खुश करने के लिए आजम खान पर प्रतिबंध लगा दिया गया क्योंकि वह मुस्लिम हैं... चूंकि योगी पर प्रतिबंध लगा इसलिए आजम पर प्रतिबंध की आवश्यकता पड़ी ताकि ऐसा ना लगे कि बीजेपी के ही खिलाफ कार्रवाई हो रही है।'
बताते चलें चलें कि चुनाव आयोग ने अली और बजरंग बली जैसे ध्रुवीकरण की कोशिश करने वाले बयान पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर भी 72 घंटे का बैन लगाया था। साथ ही मायावती पर भी चुनाव आयोग ने एक चुनावी सभा में मुस्लिम वोट की अपील के कारण 48 घंटे प्रचार के लिए रोक दिया था।