सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद को लेकर शनिवार को दिए अपने फैसले में विवादित जमीन को रामलाल विराजमान को देते हुए मंदिर निर्माण का आदेश दिया।
कोर्ट ने अपने फैसले में विवादित भूमि पर मंदिर निर्माण के लिए सरकार को 3-4 महीने में ट्रस्ट के निर्माण का आदेश दिया है। वहीं सरकार ने इस मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ की जमीन देने को कहा है। अपने फैसले में कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े और शिया वक्फ बोर्ड का याचिका खारिज कर दी।
सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील ने कहा, 'फैसले का सम्मान करते हैं, संतुष्ट नहीं हैं'
अयोध्या भूमि विवाद पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुस्लिमों के पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा कि वह फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन खुश नहीं हैं। जिलानी ने एएनआई से कहा, हम फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन हम संतुष्ट नहीं है। हम इस मामले में आगे की कार्रवाई पर फैसला करेंगे।'
जिलानी ने लोगों से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करने की अपील करते हुए कहा, 'हम फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन ये संतोषजनक नहीं है। इस बारे में कहीं भी किसी तरह का प्रदर्शन नहीं होना चाहिए।'
जफरयाब जिलानी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड: 'अगर हमारी समिति सहमति जताती है तो हम एक पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे। ये हमारा अधिकार है और सुप्रीम कोर्ट के नियमों में भी आता है।'