राम जन्मभूमि—बाबरी मस्जिद मामले में प्रमुख मुस्लिम पक्षकार रहे उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की एक बैठक हुई। सुन्नी बोर्ड की इस मीटिंग में 7 में से 6 सदस्यों ने पुनर्विचार याचिका नहीं दाखिल करने की बात कही। हालांकि, बताया जा रहा है कि एक सदस्य ने इसका विरोध किया। लेकिन बहुमत का फैसला है कि सुन्नी बोर्ड पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेगा। फिलहाल अभी इस बात पर चर्चा नहीं हुई कि मस्जिद के लिए 5 एकड़ की जमीन ली जाएगी या नहीं।
सुन्नी बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी ने सोमवार को बताया था कि बोर्ड की बैठक में अन्य सामान्य कार्यों के अलावा अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का अनुपालन कैसे किया जाए, इस पर भी चर्चा होगी।
मालूम हो कि अयोध्या मामले में गत 9 नवंबर को उच्चतम न्यायालय ने दिए गए निर्णय में विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कराने और मुसलमानों को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर जमीन देने का आदेश दिया था।
सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष फारूकी उसी दिन से कह रहे हैं कि बोर्ड न्यायालय के निर्णय के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेगा। अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष का संरक्षण कर रहे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने गत 17 नवंबर को अपनी वर्किंग कमेटी की आपात बैठक में न्यायालय के निर्णय के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने और मस्जिद के बदले कहीं भी जमीन न लेने का फैसला करते हुए उम्मीद जाहिर की थी कि सुन्नी वक्फ बोर्ड भी उसके फैसले का सम्मान करेगा मगर, फारूकी ने तब भी कहा था कि वह याचिका न दाखिल करने के अपने फैसले पर कायम हैं।