Ayodhya: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा आज, बाबरी मस्जिद का कब होगा निर्माण; जानें तारीख
By अंजली चौहान | Published: January 22, 2024 11:23 AM2024-01-22T11:23:30+5:302024-01-22T11:24:47+5:30
मस्जिद का नाम पैगंबर मुहम्मद के नाम पर "मस्जिद मुहम्मद बिन अब्दुल्लाह" रखा जाएगा।
Ayodhya: अयोध्या स्थित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा आज होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भव्य कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे हैं और देश के कई बड़ी हस्तियों को इस कार्यक्रम में पहुंचने का न्योता मिला है। इस बीच, अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने यह खुलासा किया है कि इस साल मई से अयोध्या में एक भव्य मस्जिद का निर्माण शुरू करेगा। इसे पूरा होने में तीन-चार साल लगने की संभावना है। यह जानकारी उस दिन सामने आई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह की अध्यक्षता करेंगे।
गौरतलब है कि मस्जिद परियोजना की देखरेख कर रहे इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) की विकास समिति के प्रमुख हाजी अरफात शेख ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नियोजित मस्जिद के लिए धन जुटाने के लिए एक क्राउड-फंडिंग वेबसाइट स्थापित किए जाने की संभावना है।
क्या होगा मस्जिद का नाम?
जानकारी के अनुसार, मस्जिद का नाम पैगंबर मुहम्मद के नाम पर "मस्जिद मुहम्मद बिन अब्दुल्लाह" रखा जाएगा। हाजी अरफात शेख ने कहा, "हमारा प्रयास लोगों के बीच दुश्मनी, नफरत को खत्म करना और एक-दूसरे के प्रति प्यार में बदलना है...चाहे आप सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करें या न करें।" उन्होंने कहा, "अगर हम अपने बच्चों और लोगों को अच्छी बातें सिखाएं तो यह सारी लड़ाई बंद हो जाएगी।"
आईआईसीएफ के अध्यक्ष जुफर अहमद फारूकी ने कहा कि संस्था ने फंड के लिए किसी से संपर्क नहीं किया है। आईआईसीएफ के सचिव अतहर हुसैन ने कहा, "हमने किसी से संपर्क नहीं किया था...इसके लिए (फंड) कोई सार्वजनिक आंदोलन नहीं था।" उन्होंने कहा कि मस्जिद में देरी हुई है क्योंकि वे डिजाइन में और अधिक पारंपरिक तत्व जोड़ना चाहते थे। परिसर में 500 बेड का अस्पताल भी बनाया जाएगा।
बता दें कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 2019 में कहा कि 1992 में बाबरी मस्जिद का विध्वंस गैरकानूनी था। हालाँकि, इसने फैसला सुनाया कि बाबरी मस्जिद के नीचे एक गैर-इस्लामिक संरचना थी। इसने फैसला सुनाया कि विवादित भूमि पर एक मंदिर बनाया जाएगा और मस्जिद के निर्माण के लिए मुस्लिम पक्ष को जमीन का एक टुकड़ा प्रदान किया जाएगा।