राम मंदिर फैसले के बाद अयोध्या में जमीन खरीदने में लगे वीआईपी, विधायक, मेयर के साथ कमिश्नर, एसडीएम, डीआईजी के रिश्तेदार शामिल

By विशाल कुमार | Published: December 22, 2021 08:24 AM2021-12-22T08:24:05+5:302021-12-22T08:24:05+5:30

फरवरी, 2020 में गठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अब तक करीब 70 एकड़ जमीन खरीदी है तो वहीं स्थानीय विधायक, अयोध्या में सेवाएं दे चुके या मौजूदा नौकरशाहों के करीबी रिश्तेदार और जमीन के लेन-देन को मंजूरी देने वाले स्थानीय राजस्व अधिकारी भी निजी जमीन खरीदने में शामिल हो गए।

ayodhya-ram-temple-supreme court-verdict-real-estate vip | राम मंदिर फैसले के बाद अयोध्या में जमीन खरीदने में लगे वीआईपी, विधायक, मेयर के साथ कमिश्नर, एसडीएम, डीआईजी के रिश्तेदार शामिल

राम मंदिर फैसले के बाद अयोध्या में जमीन खरीदने में लगे वीआईपी, विधायक, मेयर के साथ कमिश्नर, एसडीएम, डीआईजी के रिश्तेदार शामिल

Highlightsश्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अब तक करीब 70 एकड़ जमीन खरीदी है।नौकरशाहों के परिवारों ने पांच किमी के दायरे में कम से कम 14 जमीनें खरीदीं।कम से कम पांच मामलों में हितों के टकराव का मामला बनता है।

नई दिल्ली: 9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करने का फैसला दिया और इसके बाद वहां वीआईपी लोगों ने एक के बाद एक जमीन खरीदना शुरू कर दिया है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जहां फरवरी, 2020 में गठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अब तक करीब 70 एकड़ जमीन खरीदी है तो वहीं स्थानीय विधायक, अयोध्या में सेवाएं दे चुके या मौजूदा नौकरशाहों के करीबी रिश्तेदार और जमीन के लेन-देन को मंजूरी देने वाले स्थानीय राजस्व अधिकारी भी निजी जमीन खरीदने में शामिल हो गए।

जहां एक विधायक, एक मेयर और प्रदेश के एक ओबीसी आयुक्त ने अपने लिए जमीन खरीदी तो विभागीय आयुक्त, एसडीएम, उप पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस क्षेत्राधिकारी, राज्य सूचना आयुक्त के परिवारों ने कम से कम 14 जमीनें अयोध्या फैसले के बाद खरीदीं और ये जमीनें राम जन्मभूमि से पांच किमी के दायरे में हैं।

कम से कम पांच मामलों में हितों के टकराव का मामला बनता है क्योंकि जिस महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट (एमआरवीटी) ने दलित ग्रामीणों से जमीन खरीदी उन्हीं अधिकारियों के रिश्तेदारों ने वह जमीन खरीद ली।

इनमें अयोध्या के विभागीय आयुक्त एमपी अग्रवाल के ससुर और साले, सितंबर, 2021 तक अयोध्या के मुख्य राजस्व अधिकारी रहे पुरुषोत्तम दास गुप्ता के साले, अयोध्या के गोसाईंगंज से विधायक इंद्र प्रताप तिवारी, मार्च, 2021 तक अयोध्या में डिप्टी डीआईजी रहे दीपक कुमार की साली, रिटायर आईएएस अधिकारी उमाधर द्विवेदी, अयोध्या से विधायक वेद प्रकाश गुप्ता के भतीजे, अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, अयोध्या के पूर्व एसडीएम आयुष चौधरी के रिश्तेदार शामिल हैं।

इसके साथ ही अयोध्या के पुलिस क्षेत्राधिकारी अरविंद चौरसिया के सास और ससुर, राज्य सूचना आयुक्त हर्षवर्धन साही की पत्नी और बेटे, प्रदेश ओबीसी आयोग के सदस्य बलराम मौर्या, गांजा गांव के लेखपाल (जमीन के लेन-देन का प्रमाणित करने वाले अधिकारी) बद्री उपाध्याय की पत्नी, गांजा गांव के कानूनगो (लेखपाल का काम देखने वाले) सुधांशू रंजन की पत्नी और एमआरवीटी के खिलाफ मामले की सुनवाई करने वाले असिस्टेंट रिकॉर्ड अधिकारी भान सिंह के पेशकार दिनेश ओझा की बेटी शामिल हैं।

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