Ayodhya Ram Mandir: "भगवान राम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसी काम के लिए भेजा है", राम मंदिर के लिए 1989 में पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 18, 2024 08:04 AM2024-01-18T08:04:00+5:302024-01-18T08:15:08+5:30
राम मंदिर आंदोलन के लिए जीवनभर संघर्ष करने वाले कामेश्वर चौपाल ने मंदिर समारोह को लेकर कहा कि भगवान राम ने नरेंद्र मोदी को इसी काम के लिए भेजा है।
अयोध्या:राम मंदिर आंदोलन के लिए जीवनभर संघर्ष करने वाले और 9 नवंबर 1989 को अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखने वाले कामेश्वर चौपाल ने 22 जनवरी को हो रहे राम मंदिर समारोह के प्रति प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अयोध्या में 500 सालों की तपस्या सिद्ध होने जा रही है और भगवान राम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसी कार्य के निमित्त चुनकर भेजा है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा, "आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय संस्कृति को "पुनर्जीवित" किया जा रहा है। यह इस कारण से संभव हो पा रहा है क्योंकि पीएम मोदी बचपन से ही आध्यात्म से जुड़े रहे हैं।''
राम मंदिर के संघर्ष में पीएम मोदी की भूमिका पर बोलते हुए कामेश्व चौपाल ने कहा, "शायद भगवान काम ने किसी योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा है। ऐसा लगता है कि पीएम मोदी का जन्म इसी काम के लिए हुआ है।"
उन्होंने कहा, "नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद राम मंदिर संघर्ष में शामिल नहीं हुए हैं। वह बचपन से ही भारतीय संस्कृति और मूल्यों के लिए काम कर रहे थे। जब लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से रथयात्रा निकाली, तो उस समय पीएम मोदी ही उनके 'सारथी' थे।"
कामेश्वर चौपाल ने बताया कि जब लाल कृष्ण आडवाणी ने 25 सितंबर से 30 अक्टूबर के बीच सोमनाथ से अयोध्या तक 10 राज्यों से होकर गुजरने वाली 10,000 किलोमीटर की रथयात्रा की घोषणा की है तो उस समय नरेंद्र मोदी यात्रा के आयोजकों में से एक थे। वह यात्रा राम मंदिर के लिए सबसे बड़ा जनसमूह जुटाने वाला कार्यक्रम था।
राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर चौपाल ने कहा, ''यह क्षण उन लोगों के लिए अवर्णनीय है, जिन्होंने इसका सपना देखा। जिन्होंने लंबे समय तक संघर्ष किया। न केवल व्यक्तियों ने बल्कि लोगों ने इसके लिए अपनी पीढ़ियों का बलिदान दिया है। मुझे लगता है कि यह पीढ़ियों के त्याग और समर्पण का परिणाम है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह भारत के गौरव का क्षण है।"