Ayodhya Ram Mandir: अजीब शौक!, 20 वर्षों से राम और कृष्ण समेत हिंदू पौराणिक कथाओं से संबंधित डाक टिकटों का संग्रह, जानें इस शख्स के बारे में
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 21, 2024 09:02 PM2024-01-21T21:02:41+5:302024-01-21T21:03:54+5:30
Ayodhya Ram Mandir Live: पिछले 50 वर्षों से डाक टिकटों का संग्रह कर रहे बेंगलुरु में बसे सुशील मेहरा ने कहा कि बीता दिन डाक टिकट संग्रहकर्ताओं के लिए एक शानदार दिन था।
Ayodhya Ram Mandir Live: डाक टिकटों के संग्रह का शौक रखने वाला बेंगलुरु का एक व्यक्ति पिछले 20 साल से राम और कृष्ण समेत हिंदू पौराणिक कथाओं और दशावतार से संबंधित डाक टिकटों, ट्रेड कार्ड और माचिस की डिब्बियों को एकत्र कर रहा है और उसने अब तक सिर्फ दशावतार से संबंधित संग्रह पर ही पांच लाख रुपये खर्च कर डाले हैं।
पिछले 50 वर्षों से डाक टिकटों का संग्रह कर रहे बेंगलुरु में बसे सुशील मेहरा ने कहा कि बीता दिन डाक टिकट संग्रहकर्ताओं के लिए एक शानदार दिन था। इस दिन राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को चिन्हित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कई विशेष डाक टिकट जारी करने के साथ-साथ दुनिया भर के राम से संबंधित डाक टिकटों से सजी एक किताब का विमोचन भी किया।
मेहरा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बृहस्पतिवार को जिस पुस्तक का विमोचन किया, वह अच्छी शोध सामग्री होगी। उन्होंने कहा,"20 वर्षों से, मैं हिंदू पौराणिक कथाओं और दशावतार, विशेष रूप से राम और कृष्ण से संबंधित डाक टिकट के साथ-साथ ट्रेड कार्ड और माचिस की डिब्बियां एकत्र कर रहा हूं।'' मेहरा पेशे से व्यवसायी हैं, जिनकी कंपनी स्कूल और कार्यालयों के लिए फर्नीचर बेचती है।
मेहरा ने कहा कि शुरुआत में उनका ध्यान कृष्ण पर अधिक था, क्योंकि वह कृष्ण के बहुत बड़े भक्त हैं। मेहरा ने कहा, ‘‘मैं दिल्ली से हूं और 1978 में बेंगलुरु आ गया था। कृष्ण की मेरे बचपन की यादों में बड़ी भूमिका है। मेरे पिता अक्सर मुझे मथुरा और कई रासलीला दिखाने के लिए ले जाते थे। डाक टिकट संग्रहकर्ता ने बाद में भगवान राम के संग्रह में विस्तार करने का निर्णय लिया।
मेहरा ने बताया कि 1951 के बाद से भारत में केवल लगभग 40 डाक टिकट जारी किए गए हैं, जो सीधे तौर पर राम से संबंधित हैं और लगभग 40 डाक टिकट विदेश में जारी किए गए हैं। मेहरा के पास साढ़े तीन आने मूल्य का एक डाक टिकट भी है, जो 26 जनवरी 1950 को जारी किया गया था। इसपर महात्मा गांधी का पसंदीदा गान 'रघुपति राघव राजा राम' लिखा हुआ है।
उनके राम संग्रह में भारत के संविधान का एक पृष्ठ भी शामिल है, जिसमें भगवान राम के रावण को हराने के बाद सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटने को दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि उनके अंदर का गंभीर संग्राहक पुरानी चीजों के प्रति भी लालायित रहता है और उन्हें हासिल करने में काफी पैसा खर्च करता है। उन्होंने कहा, ''अब तक, मैंने अकेले अपने दशावतार संग्रह पर 5 लाख रुपये खर्च किए हैं।''
मेहरा के अनुसार, संग्रह में मूल्यवान वस्तुओं में से एक तत्कालीन बंबई के वितरक से तत्कालीन बैंगलोर के वितरक को मिली टेलीग्राम रसीद है, जिसमें उन्हें बाबूभाई मिस्त्री द्वारा निर्देशित 1961 की फिल्म 'संपूर्ण रामायण' की विशेष स्क्रीनिंग के बारे में सूचित किया गया था। मेहरा ने कहा कि उनके पास भगवान राम से संबंधित ब्रिटिश इंडिया बाजार पोस्टकार्ड का एक दिलचस्प संग्रह भी है।