सुप्रीम कोर्ट में बुधवार (16 अक्टूबर) को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले की सुनवाई पूरी हो गई। कोर्ट ने सुनवाई पूरी करने के साथ फैसला भी सुरक्षित रख लिया। संविधान पीठ ने इस मामले में सुनवाई पूरी करते हुये संबंधित पक्षों को ‘मोल्डिंग ऑफ रिलीफ’ (राहत में बदलाव) के मुद्दे पर लिखित दलील दाखिल करने के लिये तीन दिन का समय दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने सारे प्रकरण पर छह अगस्त से रोजाना सुनवाई करने का निर्णय किया था। संविधान पीठ की यह सुनवाई अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि को तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला- के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश देने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर थी। इस बीच अयोध्या में धारा 144 लगाई जा चुकी है। ये 10 दिसंबर तक लागू रहेगी। पढ़ें इस मामले से जुड़ी सभी बड़ी अपडेट्स...
16 Oct, 19 04:58 PM
सुप्रीम कोर्ट ने आवेदनों में बदलाव पर पक्षकारों से 3 दिन में जवाब मांगा
16 Oct, 19 04:29 PM
सुन्नी वक्फ बोर्ड यह सिद्ध करने में विफल रहा कि विवादित स्थल पर बाबर ने मस्जिद बनाया-हिन्दू पक्ष
उच्चतम न्यायालय में बुधवार को एक हिन्दू पक्षकार की ओर से दलील दी गयी कि सुन्नी वक्फ बोर्ड और अन्य मुस्लिम पक्षकार यह सिद्ध करने में विफल रहे हैं कि अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवादित स्थल पर मुगल बादशाह बाबर ने मस्जिद का निर्माण किया था। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष इस प्रकरण की सुनवाई के 40वें दिन एक हिन्दू पक्षकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने कहा कि मुस्लिम पक्ष का यह दावा था कि विवाद की विषय वस्तु मस्जिद का निर्माण शासन की जमीन पर हुकूमत (बाबर) द्वारा किया गया था लेकिन वे इसे अभी तक सिद्ध नहीं कर पाये। वैद्यनाथन सुन्नी वक्फ बोर्ड और अन्य मुस्लिम व्यक्तियों द्वारा अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि पर मालिकाना हक के लिये 1961 में दायर मुकदमे का जवाब दे रहे थे।
16 Oct, 19 04:22 PM
सुप्रीम कोर्ट में एक महीने से कम वक्त में फैसला आने की उम्मीद है.
16 Oct, 19 04:04 PM
अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी हुई, सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा
16 Oct, 19 03:55 PM
मुस्लिम पक्षकार के वकील ने न्यायालय में अयोध्या में राम के जन्मस्थल को दर्शाने वाला नक्शा फाड़ा
संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में उच्चतम न्यायालय में मुस्लिम पक्षकारों की ओर से बहस करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने बुधवार को संविधान पीठ के समक्ष भगवान राम के सही जन्मस्थल को दर्शाने वाला सचित्र नक्शा फाड़ दिया। अखिल भारतीय हिन्दू महासभा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह द्वारा अयोध्या में विवादित स्थल पर भगवान राम के जन्म स्थल को दर्शाने वाले नक्शे का हवाला दिये जाने पर राजीव धवन ने आपत्ति की थी। इस पर धवन ने पीठ से पूछा कि उन्हें इसका क्या करना चाहिए, पीठ ने कहा कि वह इसके टुकड़े कर सकते हैं। इस पर राजीव धवन ने न्यायालय कक्ष में अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के अधिवक्ता द्वारा उपलब्ध कराया गया सचित्र नक्शा फाड़ दिया।
16 Oct, 19 03:26 PM
मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने हिन्दू पक्षकारों की दलीलों का जवाब देते हुए कहा कि यात्रियों की किताबों के अलावा इनके पास टाइटल यानी मालिकाना हक का कोई सबूत नहीं है।
16 Oct, 19 03:04 PM
मुस्लिम पक्ष की दलीलें
दोपहर ढाई बजे मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन की बहस शुरू हुई, उन्हें बोलने के लिए डेढ़ घंटे का वक्त मिला है। नक्शा फाड़ने की बात भी उठी। मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि ये वायरल हो गया है कि मैंने कोर्ट में नक्शा फाड़ा, लेकिन मैंने ये कोर्ट के आदेश पर किया। चीफ जस्टिस ने कहा कि चाहो तो तुम इसे फाड़ सकते हो। इसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने कहा था कि अगर आप फाड़ना चाहें तो फाड़ दें।
16 Oct, 19 02:22 PM
लंच के बाद एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई शुरू हो चुकी है।
16 Oct, 19 01:26 PM
अयोध्या केस की सुनवाई लंच के लिए रुकी, ब्रेक के बाद कभी भी खत्म हो सकती है सुनवाई
16 Oct, 19 12:53 PM
मुस्लिम पक्ष के वकील ने फाड़ा नक्शा
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि कोर्ट में मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने एक किताब में छपा राम मंदिर का नक्शा फाड़ दिया। इस पर भी सीजेआई ने नाराजगी जाहिर की।
16 Oct, 19 12:29 PM
सीजेआई रंजन गोगोई की सख्ती
सीजेआई ने हिंदू महासभा की बहस के बाद कहा कि अगर ऐसी बहस जारी रही तो हम उठकर बाहर जा सकते हैं।
16 Oct, 19 11:03 AM
इंटरवेंशन याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले की सुनवाई 40वें दिन शुरू हो चुकी है। सुनवाई शुरू होने से पहले पांच जजों की बेंच के अध्यक्ष और मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि अब बहुत हो चुका। आज शाम पांच बजे तक मामले की बहस हर हाल में पूरी होगी। गोगोई ने इस दौरान हिंदू महासभा की इंटरवेंशन याचिका को खारिज कर दिया।
16 Oct, 19 10:50 AM
सीजेआई ने कहा- बस बहुत हुआ
अयोध्या मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 40वें दिन शुरू हो गई है। सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि बस बहुत हुआ। आज शाम पांच बजे तक सारी बहस पूरी कर ली जाएगी।
16 Oct, 19 07:58 AM
अयोध्या विवादः आखिरी दिन की सुनवाई का ब्यौरा
अयोध्या मामले की सुनवाई के आखिरी दिन के पहले 45 मिनट तक हिंदू पक्षकार बहस पूरी करेंगे। इसके बाद जवाब देने के लिए मुस्लिम पक्षकारों को 1 घंटे का समय मिलेगा। 45-45 मिनट के चार स्लॉट अन्य पक्षकारों के लिए भी आवंटित किए जाएंगे।
16 Oct, 19 07:55 AM
सीजेआई रंजन गोगोई की सेवानिवृत्ति से पहले फैसला
सीजेआई गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं इसलिए उन्हें इससे पहले ये फैसला सुनाना होगा। अत: प्रधान न्यायाधीश ने पक्षकारों को कहा था कि सभी पक्षों को मिलकर संयुक्त प्रयास करना होगा कि सुनवाई और दलीलें 18 अक्तूबर तक पूरी हो जाए, ताकि जजों को फैसला लिखने का वक्त मिले। साथ ही पक्षकारों के वकील कोर्ट में सुझाव भी दाखिल करें कि इस मामले में राहत किस तरह दी जा सकती है।
16 Oct, 19 07:54 AM
अयोध्या मामले की सुनवाई के दौरान 39वें दिन हुई तीखी बहस
उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि- बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई के 39वें दिन हिंदू और मस्लिम पक्षकारों के वकीलों के बीच तीखी बहस हुई। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ पूर्व महान्यायवादी और वरिष्ठ अधिवक्ता के परासरण की दलीलें सुन रही थी। वह 1961 में सुन्नी वक्फ बोर्ड और अन्य द्वारा दायर मुकदमे का जवाब दे रहे थे, ताकि अयोध्या में विवादित स्थल पर दावा किया जा सके।
परासरण ने अपनी दलील में कहा कि मुगल सम्राट बाबर ने 433 साल से अधिक समय पहले भारत पर विजय के बाद भगवान राम की जन्मभूमि पर एक मस्जिद का निर्माण कर एक “ऐतिहासिक गलती” की थी, जिसे अब ठीक करने की जरूरत है। इस पर मुस्लिम पक्षकारों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन उठे और हस्तक्षेप किया। धवन ने न्यायामूर्ति एस ए बोबडे, डी वाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस ए नजीर की पीठ से कहा, ‘‘यह पूरी तरह से एक नई दलील है। उनके द्वारा अन्य मुकदमों में भी यह तर्क दिया जा सकता था। मैं प्रत्युत्तर देने का हकदार हूं।’’