Ayodhya Land Circle Rate: अयोध्या में जमीन सर्किल रेट 50 से 200 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव, अखिलेश यादव ने कहा-जमीन घोटाला, जानें कहानी
By राजेंद्र कुमार | Updated: August 30, 2024 19:53 IST2024-08-30T19:52:17+5:302024-08-30T19:53:31+5:30
Ayodhya Land Circle Rate: अखिलेश यादव का कहना है कि बीते तीन वर्षों में तमाम नेताओं और अधिकारियों ने अयोध्या में जमीन खरीदी हैं. अब यह लोग जमीन बेचना चाहते हैं.

file photo
लखनऊः भगवान राम की नगरी अयोध्या में जमीन का सर्किल रेट बढ़ाए जाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है. बीते सात सालों ने अयोध्या में जमीन का सर्किल रेट बढ़ाया नहीं गया है. श्रीरामजन्मभूमि मंदिर बनने के बाद से अयोध्या में ज़मीन का सर्किल रेट बढ़ाए जाने की मांग की जा रही थी. जिसका संज्ञान लेते हुए डीएम अयोध्या ने जमीन का सर्किल रेट 50 से 200 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव सरकार को दिया है. जल्दी ही सूबे की सरकार इस मामले में फैसला लेगी. इसके पहले ही समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने अयोध्या में ज़मीनों का सर्किल रेट बढ़ाए जाने के प्रस्ताव को जमीन घोटाला बता दिया है. अखिलेश यादव का कहना है कि बीते तीन वर्षों में तमाम नेताओं और अधिकारियों ने अयोध्या में जमीन खरीदी हैं. अब यह लोग जमीन बेचना चाहते हैं.
इसलिए ज़मीनों का सर्किल रेट बढ़ाकर ऐसे लोगों को लाभ पहुंचाने की तैयारी जा रही हैं. वही सरकार के बड़े अधिकारियों के कहना है कि बीते लोकसभा चुनावों में जमीन का सही मुआवजा ना मिलना एक बड़ा मुददा बना था. अयोध्या में सड़क निर्माण और कई परियोजनाओं के लिए क्षेत्रीय लोगों की जमीन सरकार ने अधिग्रहीत की थी.
इन लोगों ने सही मुआवजा न मिलने के सवाल को लेकर सूबे की सरकार का विरोध किया. स्थानीय लोगों के इस विरोध के कारण चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को वोटों का नुकसान हुआ और भाजपा के सांसद लल्लू सिंह चुनाव हार गए. ऐसे में चुनाव बाद योगी सरकार ने अयोध्या में ज़मीनों का सर्किल रेट बढ़ाए जाने की कवायद शुरू की.
जिसके चलते अयोध्या के डीएम ने जमीन का सर्किल रेट 50 से 200 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. फैजाबाद (अयोध्या) से सपा के सांसद अवधेश प्रसाद इसकी जानकारी हुई तो उन्होने नए सर्किल रेट को 2017 से ही लागू किए जाने की मांग कर दी. उनका कहना है कि अयोध्या में मंदिर निर्माण और अन्य परियोजनाओं के लिए लोगों की जमीन ली गई हैं उन्हें 2017 के हिसाब से पैसा दिया जाए.
मतलब जो मुआवजा पहले ले चुके हैं, उन्हें नए रेट के हिसाब से बचा हुआ पैसा दिया जाए. इसके अलावा जिन नेताओं और अधिकारियों ने बीते तीन वर्षों में ग्रामीणों से जमीन खरीदी है, उन ग्रामीणों को भी बढ़ाए जाने वाले सर्किट रेट के हिसाब बने जमीन खरीदने वाले नेताओं और आफ़रों के पैसे दिलवाए जाए.
इसलिए प्रस्ताव को घोटाला बता रहे अखिलेश
पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद की इस मांग से अखिलेश यादव भी सहमत हैं. उनका कहना है कि योगी सरकार को यह पता है कि सूबे के बड़े अफसरों और भाजपा नेताओं ने अयोध्या में कम दाम पर जमीन खरीद ली है. अयोध्या में तैनात रहे कई डीएम, एसएसपी और कमिश्नर आदि ने भी वहां अपने रिशतेदारों के नाम पर जमीन खरीदी.
यही नहीं सूबे में प्रमुख आईपीएस अफसरों ने अयोध्या के समीप होटल और अन्य कार्यों के लिए जमीन खरीदी. मुंबई के एक बड़े कारोबारी ने अयोध्या में एक टाउनशिप बनाने के लिए जमीन ली है. तमाम बड़े होटल भी अयोध्या में अपने प्रोजेक्ट के लिए कम कीमत पर जमीन ली है.
अखिलेश यादव का कहना है कि योगी सरकार के अयोध्या में जमीन का सर्किल रेट बढ़ाये जाने पर वहां कम कीमत पर खरीदी गई ज़मीनों को मंहगी दर पर बेचा जा सकता है. ऐसे कम कीमत पर ग्रामीणों से जमीन खरीदने वाले लोग अपनी जमीन बेचकर करोड़ों रुपयों के वारे-न्यारे कर सकते हैं. इसलिए अखिलेश यादव अयोध्या में ज़मीनों के दाम बढ़ाये जाने के प्रस्ताव को घोटाला बता रहे हैं.