अयोध्या विवाद फैसला: सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले लोगों पर होगी कार्रवाई, 28 दिसंबर तक निषेधाज्ञा लागू
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 4, 2019 10:09 AM2019-11-04T10:09:42+5:302019-11-04T10:09:42+5:30
अयोध्या जिला मजिस्ट्रेट ने सोशल मीडिया संदेशों और पोस्टरों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है।
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। उच्चतम न्यायालय में सुनवाई पूरी हो चुकी है। इस मामले में 17 नवंबर तक फैसला सुनाये जाने की उम्मीद है। इसी दिन प्रधान न्यायाधीश गोगोई सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2014 के फैसले के खिलाफ शीर्ष न्यायालय 14 अपीलों पर सुनवाई हुई है।
उच्च न्यायालय ने अयोध्या की 2.77 एकड़ भूमि को तीन पक्षों... सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा तथा राम लला के बीच बराबर बराबर बांटने का आदेश दिया था। पीठ के सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायामूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस ए नजीर भी शामिल हैं। अयोध्या मामले का मध्यस्थता के माध्यम से सर्वमान्य समाधान खोजने का प्रयास विफल हो जाने के बाद संविधान पीठ से छह अगस्त से इन अपीलों पर रोजना सुनवाई कर रही थी।
फैसला जल्द आने के मद्देनजर अयोध्या के जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार झा ने आदेश जारी करते हुए लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया जैसे कि वाट्सऐप, ट्विटर, टेलिग्राम और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली कोई भी टिप्पणी न करें। जिला मजिस्ट्रेट ने सोशल मीडिया संदेशों और पोस्टरों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है। निषेधाज्ञा 28 दिसंबर, 2019 तक लागू रहेगी।
Ayodhya District Magistrate, Anuj Kumar Jha prohibits social media messages & posters on Ayodhya land case, that could disturb communal harmony, in view of upcoming festivals & verdict in Ayodhya land case. Prohibition will stay in force till 28th December, 2019.
— ANI UP (@ANINewsUP) November 4, 2019
10 दिसंबर तक धारा-144 लागू
इससे पहले 14 अक्टूबर को अयोध्या विवाद के सुनवाई के अंतिम दौर में जिले में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। निषेधाज्ञा दस दिसंबर तक लागू रहेगी। निषेधाज्ञा का आदेश अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट करते हुए जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार झा ने कहा ‘‘अयोध्या और यहां आने वालों की सुरक्षा तथा संरक्षा को ध्यान में रखते हुए आदेश जारी किया गया है।’
’उन्होंने आगे कहा है ‘‘मैं यह भी कहना चाहूंगा कि 31 अगस्त 2019 से यहां एक और आदेश लागू है जो गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने और अवांछित गतिविधियों के बारे में है। 12 अक्टूबर 2019 को जारी आदेश उन बिंदुओं के सिलसिले में है जो पूर्व के आदेश में नहीं थे।’’कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने भी बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की मांग की है।
बता दें कि ड्रोन आदि से अयोध्या के अंदर शूटिंग करने या फिल्म बनाने पर भी रोक लगाई गई है। धारा 144 के तहत चार या अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक होती है तथा पुलिस पर दंगा फैलाने के आरोप में मामला दर्ज करने का अधिकार होता है।