Ayodhya Dispute: मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को धमकी देने वाले दो लोगों को SC ने नोटिस भेजा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 3, 2019 19:14 IST2019-09-03T11:09:04+5:302019-09-03T19:14:54+5:30
मंगलवार को शीर्ष कोर्ट ने अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन की, मामले की पैरवी करने पर कथित धमकी मिलने का आरोप लगाने वाली अवमानना याचिका पर सुनवाई शुरू की है।

Ayodhya Dispute: मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को धमकी देने वाले दो लोगों को SC ने नोटिस भेजा
उच्चतम न्यायालय ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में मुस्लिम पक्षकारों की पैरवी करने के कारण वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन को कथित रूप से धमकी देने वाले दो व्यक्तियों को मंगलवार को नोटिस जारी किया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने इस भूमि विवाद पर 18वें दिन सुनवाई शुरू होते ही राजीव धवन की अवमानना याचिका पर ये नोटिस जारी किये। पीठ अवमानना के इस मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद करेगी। संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं।
मुख याचिकाकर्ता एम सिद्दीक तथा ऑल इंडिया सुन्नी वक्फ़ बोर्ड की ओर से पेश हो रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने पूर्व सरकारी अधिकारी एन षणमुगम और राजस्थान के निवासी संजय कलाल बजरंगी के खिलाफ शुक्रवार को शीर्ष अदालत में अवमानना याचिका दायर की थी। उनका आरोप है कि मुस्लिम पक्षकारों की ओर पैरवी करने की वजह से उन्हें धमकी दी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सेवानिवृत्त शिक्षा अधिकारी एन. षणमुगम से 14 अगस्त, 2019 को उन्हें एक पत्र मिला, जिसमें उन्हें मुस्लिम पक्षकारों की ओर से पेश होने की वजह से धमकी दी गयी थी।
03 Sep, 19 : 11:11 AM
सुप्रीम कोर्ट ने एन. षणमुगम ने दो हफ्ते के अंदर विस्तृत जवाब मांगा है
राजीव धवन ने एक सेवा निवृत्त शिक्षा अधिकारी एन षनमुगम और राजस्थान के रहने वाले संजय कलाल बजरंगी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी। उन्होंने याचिका में आरोप लगाया था कि उन्हें मुस्लिम पक्षकारों का प्रतिनिधित्व करने के लिए धमकियां मिली हैं।
Ayodhya land dispute case: Supreme Court issues notice to Ex-Professor from Chennai, N Shanmugham, who had allegedly threatened Dr Rajeev Dhavan&asked him not to argue in the case for the Sunni Wakf Board. SC has asked him to file a detailed response in two weeks. pic.twitter.com/geVUuYysP4
— ANI (@ANI) September 3, 2019