राम लला के वकील ने कहा, विवादित स्थल पर देवताओं की अनेक आकृतियां मिली हैं

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 16, 2019 12:44 PM2019-08-16T12:44:45+5:302019-08-16T17:07:07+5:30

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सितंबर, 2010 के अपने फैसले में अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में एक पक्षकार ‘राम लला’ को 2.77 एकड़ विवादित भूमि में एक तिहाई हिस्सा देने का आदेश दिया गया था।

Ayodhya Dispute Live Updates: Hearing in the case has started in Supreme Court. It is the 7th day of the day-to-day hearing in the case. | राम लला के वकील ने कहा, विवादित स्थल पर देवताओं की अनेक आकृतियां मिली हैं

राम लला के वकील ने कहा, विवादित स्थल पर देवताओं की अनेक आकृतियां मिली हैं

Highlightsशीर्ष कोर्ट इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई कर रही है। विभिन्न ऐतिहासिक ग्रंथों ने भगवान राम की जन्मभूमि के बारे में हिन्दुओं की आस्था और विश्वास को दर्ज किया है- राम लला के वकील

अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद की उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को सातवें दिन की सुनवाई के दौरान राम लला विराजमान की ओर से दलील दी गयी कि विवादित स्थल पर देवताओं की अनेक आकृतियां मिली हैं। 

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ से ‘राम लला विराजमान’ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने अपनी दलीलों के समर्थन में विवादित स्थल का निरीक्षण करने के लिये अदालत द्वारा नियुक्त कमिश्नर की रिपोर्ट के अंश पढ़े। 

संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं। 

संविधान पीठ से वैद्यनाथन ने कहा कि अदालत के कमिश्नर ने 16 अप्रैल, 1950 को विवादित स्थल का निरीक्षण किया था और उन्होंने वहां भगवान शिव की आकृति वाले स्तंभों की उपस्थिति का वर्णन अपनी रिपोर्ट में किया था। 

वैद्यनाथन ने कहा कि मस्जिद के खंबों पर नहीं, बल्कि मंदिरों के स्तंभों पर ही देवी देवताओं की आकृतियां मिलती हैं। उन्होंने 1950 की निरीक्षण रिपोर्ट के साथ स्तंभों पर उकेरी गयी आकृतियों के वर्णन के साथ अयोध्या में मिला एक नक्शा भी पीठ को सौंपा। 

उन्होने कहा कि इन तथ्यों से पता चलता है कि यह हिन्दुओं के लिये धार्मिक रूप से एक पवित्र स्थल था। वैद्यनाथन ने ढांचे के भीतर देवाओं के तस्वीरों का एक एलबम भी पीठ को सौंपा और कहा कि मस्जिदों में इस तरह के चित्र नहीं होते हैं। 

शीर्ष अदालत इस समय अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि के मालिकाना हक के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर सुनवाई कर रही है।

इससे पहले बुधवार को उच्चतम न्यायालय में ‘राम लला विराजमान’ के अधिवक्ता ने ऋषियों द्वारा लिखे गए पुराणों से लेकर अंग्रेज व्यापारी के यात्रा वृतांत, एक इसाई धर्मप्रचारक (मिशनरी) और चिकित्सक का उल्लेख करते हुए दावा किया कि हिन्दुओं का लंबे समय से विश्वास है कि अयोध्या भगवान राम की जन्मस्थली है।

 दशकों पुराने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में एक पक्षकार 'राम लला' ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से शीर्ष अदालत को बताया कि ये सभी ऐतिहासिक सामग्री हिन्दुओं की आस्था और विश्वास को दर्शाती है कि अयोध्या भगवान राम की जन्मस्थली है और विवादित स्थल पर एक मंदिर था। 

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ को 'राम लला' की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने बताया कि विभिन्न ऐतिहासिक ग्रंथों ने भगवान राम की जन्मभूमि के बारे में हिन्दुओं की आस्था और विश्वास को दर्ज किया है। 

वैद्यनाथन ने पीठ से कहा कि इन प्रकाशनों में जो महत्वपूर्ण है वह है भगवान राम और अयोध्या में हिन्दुओं की आस्था और विश्वास। हिन्दुओं की यह आस्था और विश्वास अतीत में भी रहा है और इसे विभिन्न पुस्तकों में दर्ज किया गया है। यदि लोगों की यह धारणा है, तो भूमि को दो या तीन हिस्सों में विभाजित नहीं किया जा सकता। 

संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं। 

Web Title: Ayodhya Dispute Live Updates: Hearing in the case has started in Supreme Court. It is the 7th day of the day-to-day hearing in the case.

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