कोरोना में औसत मृत्यु दर समान!, पिछले पांच वर्षों में शहर में दर्ज आंकड़ों से तस्वीर साफ
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: August 25, 2020 05:20 AM2020-08-25T05:20:49+5:302020-08-25T05:21:12+5:30
पिछले पांच वर्षों में अकोला में दर्ज मौत की जांच से पता चला है कि मृत्यु दर औसत है. चार साल 2015 से 2019 के जनवरी से जुलाई तक के महीनों में, औसतन 3,274 मौतें हुईं, हालांकि इसी अवधि में मौजूदा वर्ष 2020 में औसतन 2,996 मौतें हुई हैं.
अकोला: संक्रामक कोरोना वायरस के कारण इस साल अप्रैल से जुलाई तक चार महीने की अवधि में शहर में 1,671 मौतें हुई हैं. नागरिकों में यह आशंका है कि कोरोना ने इस वर्ष मौतों की संख्या में भारी वृद्धि की है, हालांकि, पिछले पांच वर्षों में अकोला में दर्ज मौतों की औसत संख्या कोरोना अवधि के समान ही है.
शहर सहित जिले में कोरोना वायरस का अधिक संक्रमण है. 7 अप्रैल को पहला मरीज मिलने के बाद से कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. हालांकि पिछले 15 दिनों से अकोला शहर में कोरोना का प्रसार धीमा हो गया है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में यह तेजी से बढ़ रहा है.
मरने वालों की संख्या बढ़कर 144 हो गई है, इसलिए आशंका है कि इस साल कोरोना के कारण होने वाली मौतों की संख्या बढ़ गई है. पिछले पांच वर्षों में अकोला में दर्ज मौत की जांच से पता चला है कि मृत्यु दर औसत है. चार साल 2015 से 2019 के जनवरी से जुलाई तक के महीनों में, औसतन 3,274 मौतें हुईं, हालांकि इसी अवधि में मौजूदा वर्ष 2020 में औसतन 2,996 मौतें हुई हैं.
कोरोना की मृत्यु दर पहले के समय में भी कम थी जनवरी से मार्च, कोरोना के प्रकोप से पहले का महीना है. 2015 से 2019 तक के चार वर्षों में, जनवरी से मार्च के बीच औसतन 1,433 मौतें दर्ज की गईं. इस वर्ष इसी अवधि के दौरान, 1,325 मौतें दर्ज की गईं. कोरोना काल में दर्ज है मौत के आंकड़े अकोला शहर में कोरोना का पहला मामला अप्रैल में पाया गया था.
इसलिए पिछले पांच वर्षों में मौत के आंकड़े अप्रैल से शुरु हुए कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए लिए गए हैं. इस साल मौत के 9 मामले ज्यादा हैं, जो कि औसत की तुलना में, बहुत ज्यादा नहीं है. 2015 से 2019 की अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान मौतों की औसत संख्या 1,410 है, जबकि 2020 में इसी अवधि में मौतों की संख्या 1,419 है.