नई दिल्लीः दिल्ली आप विधायक दल की नेता चुने जाने के बाद आतिशी ने कहा कि सबसे पहले मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री और मेरे गुरु अरविंद केजरीवाल का धन्यवाद करना चाहती हूं, जिन्होंने मुझे इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी दी और मुझ में भरोसा दिखाया। ये सिर्फ आप में हो सकता है, जहां फर्स्ट टाइम पॉलिटिशियन एक राज्य की मुख्यमंत्री बनी। मैं एक सामान्य परिवार से आती हूं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं खुश हूं और मैं दुखी भी हूं कि मेरे बड़े भाई आज इस्तीफा दे रहे हैं। मुझे फूलमाला नहीं पहनाइए या बधाई मत दीजिए, क्योंकि यह दुख का क्षण है कि केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा दे रहे हैं।’’ अगर किसी और पार्टी में होती तो शायद चुनाव की टिकट भी नहीं मिलती। दिल्ली की 2 करोड़ जनता की तरफ से मैं जरूर कहना चाहती हूं कि दिल्ली का एक ही मुख्यमंत्री है और उसका नाम अरविंद केजरीवाल है।
आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी। उनसे पहले भाजपा नेता सुषमा स्वराज और कांग्रेस की शीला दीक्षित इस पद पर रह चुकी हैं। पार्टी विधायकों की सर्वसम्मति से दिल्ली की मुख्यमंत्री नामित किए जाने के बाद अपनी पहली टिप्पणी में आतिशी ने कहा कि यह मिलीजुली भावनाओं वाला क्षण है क्योंकि एक तरफ खुशी है लेकिन दूसरी तरफ लोकप्रिय मुख्यमंत्री केजरीवाल के इस्तीफा देने का अत्यंत दुख भी है। केजरीवाल ने पार्टी विधायकों की एक बैठक में अपने उत्तराधिकारी के तौर पर आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा जिसे सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया।
आतिशी ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं अगले कुछ महीने तक एक ही लक्ष्य के साथ काम करूंगी कि केजरीवाल को फिर से मुख्यमंत्री पद पर बैठाया जाए। मैं अरविंद केजरीवाल के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री के रूप में काम करूंगी।’’ दिल्ली में अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। हालांकि केजरीवाल ने मांग की है कि महाराष्ट्र के साथ यहां भी नवंबर में चुनाव कराये जाएं।
आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने मंगलवार को कहा कि वह इस बात से दुखी हैं कि पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल इस्तीफा दे रहे हैं, लेकिन वह उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनवाने के लिए काम करेंगी। केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में शुक्रवार को तिहाड़ से रिहा किया गया था। उन्होंने रविवार को कहा कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे।
उन्होंने जनता से ‘ईमानदारी का प्रमाणपत्र’ नहीं मिलने तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठने का संकल्प लिया। आतिशी ने पार्टी विधायकों से अनुरोध किया कि वे उन्हें इस मौके पर बधाई नहीं दें क्योंकि यह उनके लिए दुख का अवसर है। आतिशी ने कहा, ‘‘यह मेरे लिए और जनता के लिए अत्यंत दुख का क्षण है कि दिल्ली के लोकप्रिय मुख्यमंत्री इस्तीफा दे रहे हैं।’’ इस समय दिल्ली सरकार में अनेक विभागों का प्रभार संभाल रहीं आतिशी ने अपने ऊपर भरोसा जताने के लिए और नए मुख्यमंत्री के रूप में ‘बड़ी जिम्मेदारी’ देने के लिए ‘गुरु’ केजरीवाल का आभार जताया।
उन्होंने कहा, ‘‘केजरीवाल ने मुझ पर भरोसा किया, मुझे विधायक बनाया, फिर मंत्री बनाया और अब मुख्यमंत्री बनाया। मैं उनकी आभारी हूं। आप पार्टी में ही किसी नए नेता को इस तरह का अवसर मिल सकता है। मैं सामान्य परिवार से आती हूं और अगर मैं किसी और पार्टी में होती तो मुझे चुनाव लड़ने के लिए टिकट भी नहीं मिलता।’’
आतिशी ने कहा कि केजरीवाल के इस्तीफा देने जैसी कोई मिसाल देश के लोकतांत्रिक इतिहास में नहीं मिलती और वह अगले कुछ महीने उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनवाने के लक्ष्य के साथ काम करेंगी। आतिशी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा केजरीवाल को जमानत केंद्र सरकार के चेहरे पर तमाचा है जिसकी जांच एजेंसियों को शीर्ष अदालत ने ‘पिंजरे में बंद तोता’ कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने उन्हें निशाना बनाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का इस्तेमाल किया।