ग्वालियर, 24 अगस्त: पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा लगभग पूरे देश के विभिन्न राज्यों में अस्थि कलश निकाली जा रही है। लेकिन अब इसपर भी राजनीति शुरू हो गई है। पहले कांग्रेस ने फिर अटल की भतीजी करुणा शुक्ला ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह अटल की मौत पर राजनीति कर रही है।
करुणा शुक्ला के इस बयान का जवाब देते हुए अटल की भांजी कांति मिश्रा ने कहा है कि हर कोई दिल्ली नहीं जा सकता, ऐसे में अटल की अस्थियां उनके राज्य में आती हैं तो यह लोगों के लिए मौका है कि वे अटल जी को अंतिम श्रद्धांजलि दे सकें। कांति मिश्रा ने कहा, 'अटल ना मेरे हैं, ना उनके (करुणा के), वह देश के हैं।
बता दें कि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला ने कहा था कि वाजपेयी के नाम पर भाजपा की राजनीति से वह व्यथित हैं। उन्होंने एक टीवी चैनल से कहा है कि वाजपेयी की मृत्यु के बाद भाजपा जिस तरह से उनके नाम को राजनीति के लिए भुनाने में जुटी है, उससे वह क्षुब्ध और व्यथित हैं।
शुक्ला ने कहा है कि चार राज्यों में होने वाले चुनाव को ध्यान में रखते हुए ही भाजपा को वाजपेयी के नाम को भुनाने का ध्यान आया है उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों से वाजपेयी को भाजपा ने परिदृश्य से पूरी तरह से गायब कर दिया था। इन दस वर्षों में जिन राज्यों में चुनाव हुए वहां भी वाजपेयी का नाम लेना तो दूर किसी पोस्टर या बैनर में उनकी तस्वीर तक नहीं लगाई गई। चूंकि अब चार राज्यों में भाजपा की नैया डूबती हुई दिख रही है तो एकाएक भाजपा को वाजपेयी डूबते को तिनके के सहारे की तरह दिख रहे हैं।
इस बीच भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य में पर्यटन मंडल के उपाध्यक्ष केदारनाथ गुप्ता ने कहा है कि करुणा शुक्ला की वाजपेयी पर यदि श्रद्धा होती तो वह उनकी पार्टी नहीं छोड़ती।
गुप्ता ने कहा कि शुक्ला ने राजनीतिक स्वार्थ के लिए संबंधों को भी दरकिनार कर दिया। छत्तीसगढ़ में अटल विहार और अटल आवास योजना बरसों से लागू है। इसलिए यह कहना उचित नहीं है कि वाजपेयी को यहां भुला दिया गया था।
उन्होंने कहा,‘‘ हम सब अटल जी के सिद्धांतों के अनुरूप जनता की सेवा कर रहे हैं। देश में प्रधानमंत्री से लेकर भाजपा के बूथ स्तर तक का कार्यकर्ता अटल जी के जाने से दुखी और द्रवित हैं।’’ नया रायपुर से लेकर विश्वविद्यालय का नामकरण वाजपेयी के नाम पर रखने पर शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री रमन सिंह को पिछले दस बरसों में कितनी बार वह याद आए उन्हें बताना चाहिए।
वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री ने कहा है कि जनता भाजपा के आडंबर को जानती है और समझ रही है। शुक्ला ने कहा है कि अटल बिहारी वाजपेयी अजातशत्रु थे और उनसे हर कोई स्नेह रखते थे, सब उनका सम्मान करते है। जवाहर लाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी तक से उनके कितने आत्मीय संबंध रहे यह इतिहास में दर्ज है। लेकिन भाजपा तो मानवीय संबंधों का सम्मान करना भूल चुकी है और इसका सबसे बड़ा उदाहरण लालकृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेता का पार्टी में हो रहा अपमान है।
उन्होंने कहा है कि वाजपेयी की भतीजी होने के नाते उन्हें इस घटनाक्रम से ज़्यादा दुख हो रहा है। वाजपेयी के भाई अवध बिहारी की बेटी होने के कारण उन्हें भाजपा की इस करतूत से पीड़ा हो रही है।
उल्लेखनीय है कि करुणा शुक्ला भाजपा से इस्तीफा देने के बाद 2014 में कांग्रेस में शामिल हो गई थी। शुक्ला छत्तीसगढ़ के जांजगीर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा की सांसद रही हैं तथा अविभाजित मध्यप्रदेश में बलौदा बाजार विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रही हैं। शुक्ला भाजपा में वरिष्ठ पदों पर रही है। राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने शुक्ला को 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान बिलासपुर सीट से चुनाव मैदान में उतारा था। इस चुनाव में वह भाजपा के लखनलाल साहू से हार गई थी।
(भाषा इनपुट)