लाइव न्यूज़ :

यशवंत सिन्हा की आत्मकथा में दावा: परमाणु परीक्षण से पहले वाजपेयी ने चुनौतियों के लिए किया था आगाह

By भाषा | Updated: July 14, 2019 16:13 IST

सिन्हा ने लिखा, ‘‘ उम्मीद के मुताबिक, भारत ने जो किया विश्व को इसका पता चलते ही प्रलय आ गया। दुनिया के लगभग हर बड़े देश ने भारत द्वारा किए परीक्षण की निंदा की और विभिन्न तरह के प्रतिबंध लगाए।’’

Open in App

भारत में 11 मई 1998 को हुए परमाणु परीक्षण से कुछ दिन पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा से विश्व शक्तियों द्वारा लगाए जाने वाले प्रतिबंधों से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा था। सिन्हा ने अपनी आत्मकथा ‘रिलेंटलेस’ में बताया कि मई 1998 में एक दिन सुबह-सुबह अचानक वाजपेयी ने उन्हें अपने आवास पर तलब किया, जहां पहुंचते ही उन्हें सीधा प्रधानमंत्री के कक्ष में ले जाया गया।सिन्हा ने उस वाकये को याद करते हुए कहा कि वाजपेयी ने एक ऐसी सनसनीखेज खबर उनके साथ साझा की, जिस पर वह गौरवान्वित होने के साथ-साथ स्तब्ध भी रह गए। सिन्हा ने कहा, ‘‘ मैंने तत्काल अनुमान लगाया कि वह मुझे जो कुछ भी बताने वाले हैं, वह न केवल बेहद महत्वपूर्ण बल्कि कुछ अत्यंत गोपनीय भी है।’’वाजपेयी ने सिन्हा से कहा था, ‘‘मैंने अगले कुछ दिनों में परमाणु परीक्षण करने का फैसला किया है। यह बेहद गोपनीय ऑपरेशन है क्योंकि विश्व शक्तियां इसे पसंद नहीं करने जा रही हैं। वे हमारे खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करेंगे, खास तौर पर आर्थिक मोर्चे पर।’’ सिन्हा के अनुसार वाजपेयी ने उनसे कहा था, ‘‘ हमें इस कदम से आर्थिक मोर्चे पर आने वाली किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए। मैंने सोचा कि मुझे आपको पहले ही सतर्क कर देना चाहिए, ताकि जब यह हो तो आप चौंके नहीं।’’सिन्हा कहते हैं कि वाजपेयी द्वारा बड़ी आराम से कही गई बात को पूरी तरह समझने में उन्हें समय लगा। सिन्हा ने लिखा, ‘‘ उम्मीद के मुताबिक, भारत ने जो किया विश्व को इसका पता चलते ही प्रलय आ गया। दुनिया के लगभग हर बड़े देश ने भारत द्वारा किए परीक्षण की निंदा की और विभिन्न तरह के प्रतिबंध लगाए।’’ वाजपेयी सरकार प्रतिबंधों का सामना करने को प्रतिबद्ध थी।उन्होंने लिखा, ‘‘ उनके आगे घुटने टेकने का कोई सवाल ही नहीं था। जब प्रतिबंधों ने भारत से ज्यादा उन्हीं देशों (प्रतिबंध लगाने वाले) को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया और जब हमने उन देशों को अपनी मजबूरियों के बारे में बताया तो उन्होंने एक-एक कर उसे हटाना शुरू कर दिया।’’ सिन्हा की इस किताब का प्रकाशन ‘ब्लूम्सबरी’ ने किया है और सोमवार को इसका विमोचन होगा।

टॅग्स :अटल बिहारी वाजपेयीयशवंत सिन्हा
Open in App

संबंधित खबरें

भारतउपराष्ट्रपति चुनावः खाली मतपत्रों में है संदेश?, खाली दिखने वाले वोट अर्थहीन नहीं हैं, गहरा अर्थ!

भारतआदिवासी नायक बिरसा मुंडा, सरदार वल्लभभाई पटेल और अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती, मोदी सरकार ने समिति गठित कीं, जानें इतिहास

भारतपूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की आज पुण्यतिथि, प्रधानमंत्री मोदी समेत नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

भारतPM Modi Independence Day Speech: 103 मिनट लंबा भाषण, स्वतंत्रता दिवस पर किसी प्रधानमंत्री का सबसे लंबा संबोधन, देखिए रिकॉर्ड लिस्ट

भारतVIDEO: बिहार के सीएम नीतीश कुमार मंच पर भूले पीएम मोदी का नाम, उन्हें कहा- अटल बिहारी वाजपेयी

भारत अधिक खबरें

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत