नई दिल्ली, 12 जून: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को मंगलवार को नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद से प्रधानमंत्री से लेकर कई बड़े नेता उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। हालांकि अब एम्स प्रशासन ने वीवीआईपी लोगों को भी मिलने की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया। सोमवार को बताया गया है कि लंबे समय से बीमार चल रहे वाजपेयी को लोवर रेस्पाइरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और किडनी संबंधी गंभीर बीमारी है। एम्स की ओर से रात में जारी बुलेटिन में बताया गया कि जांच में यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन पाया गया है, जिसका उचित उपचार किया जा रहा है और उन्हें डॉक्टरों की एक टीम की निगरानी में रखा गया है।
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- एम्स की ओर से जारी बुलेटिन में बताया गया है कि वाजपेयी की तबीयत स्थिर है और इलाज किया जा है औप उस पर वह रिस्पॉन्ड कर रहे हैं। जब तक उनका इंफेक्शन ठीक नहीं होता है तब तक वह अस्पताल में ही रहेंगे।
- टीवी रिपोर्ट के मुताबिक अटल बिहारी वाजपेयी के सेहत में सुधार देखा जा रहा है। पर मंगलवार को भी वे एम्स के आईसीयू में ही रहेंगे।
-कानपुर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकर्ता अटल बिहारी वायपेयी के अच्छे स्वास्थ्य के लिए पूजा पाठ किया। इस दौरान उन्होंने हवन कर भगवान से उनका अच्छा स्वास्थ्य रखने की कामना की है।
वहीं, केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने कहा कि, उन्हें यूरीन इन्फेक्शन के चलते भर्ती किया गया है। अब उनकी हालत स्थिर है। उम्मीद है कि मंगलवार तक उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
आपको बता दें, अटल बिहारी वाजपेयी बीते कुछ सालों से बीमार चल रहे हैं। भारतीय राजनीतिक इतिहास में उनको एक कुशल राजनीतिज्ञ, भाषाविद, कवि और पत्रकार के रूप में जाना जाता है। वह एक ऐसे नेता रहे हैं जिन्हें जनता के साथ-साथ हर पार्टी के लोग पसंद करते हैं। वाजपेयी 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में लखनऊ से लोकसभा सदस्य चुने गए। वह बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूर्ण करने वाले पहले और अभी तक एकमात्र गैर-कांग्रेसी नेता हैं। 1924 में जन्मे वाजपेयी ने भारत छोड़ो आंदोलन के जरिए 1942 में भारतीय राजनीति में कदम रखा था।लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर के सब्सक्राइब करें!