मध्यप्रदेश सहित चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में होगा 'सिटिजन विजिलेंस एप' का इस्तेमाल

By भाषा | Published: August 30, 2018 02:03 AM2018-08-30T02:03:20+5:302018-08-30T02:03:20+5:30

ओपी रावत ने कहा कि इन चार राज्यों में सुगम निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए विकलांग एवं वृद्धजन मतदाताओं के लिए ‘एक्सेसीबिलिटी आब्जर्बर’ लगाये जाएंगे जो भारतीय चुनाव के इतिहास में पहली बार होंगे।

Assembly elections in four states including Madhya Pradesh will be used in the 'Citizen's Vigilance App' | मध्यप्रदेश सहित चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में होगा 'सिटिजन विजिलेंस एप' का इस्तेमाल

मध्यप्रदेश सहित चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में होगा 'सिटिजन विजिलेंस एप' का इस्तेमाल

भोपाल, 30 अगस्त: मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत ने बुधवार को कहा कि इस साल के अंत में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान एवं मिजोरम में होने वाले चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष कराने के लिए ‘सिटिजन विजिलेंस मोबाइल एप’ का उपयोग किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, इन चार राज्यों में सुगम निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए विकलांग एवं वृद्धजन मतदाताओं के लिए ‘एक्सेसीबिलिटी आब्जर्बर’ लगाये जाएंगे जो भारतीय चुनाव के इतिहास में पहली बार होंगे।

चुनाव आयोग की पूरी बेंच के साथ कल मध्यप्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर आये रावत ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘कमीशन की थीम है सुगम निर्वाचन। मतलब जो भी विकलांग लोग हैं, जिन्हें कठिनाई हो रही है, उनको चुनाव की मुख्य धारा में लाने के लिए प्रयास करना चाहिए।’’ 

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ एवं मिजोरम में सुगम निर्वाचन के साथ-साथ ‘एक्सेसीबिलिटी आब्जर्बर’ के ऐसे प्रेक्षक भी भेजे जाएंगे जो पता करेंगे कि इन मतदाताओं को सुविधा प्रदान करने के लिए हमने क्या-क्या किया है। कहीं कोई कोताई तो नहीं रही।

रावत ने कहा कि ये आब्जर्बर देखेंगे कि इनको कोई कठिनाई नहीं हो और चुनाव प्रक्रिया में इनकी भागीदारी सुनिश्चित हो। भारतीय चुनाव के इतिहास में यह कदम पहली बार उठाया जा रहा है।

रावत ने कहा, ‘‘ईवीएम के बारे में थोड़ी भ्रांति फैली हुई है कि ये चीन एवं जापान के हैं। ऐसा कतई नहीं है। सारी ईवीएम भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड एवं इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड की है।’’ 

उन्होंने कहा कि दोनों सुरक्षित इकाई हैं और परिंदा भी पर नहीं मार सकता है। ‘‘बहुत ही सुरक्षित व्यवस्था में इन मशीनों का उत्पादन हो रहा है।’’ रावत ने कहा, ‘‘बीएलओ स्तर (बूथ लेवल आफिसर) पर पहले से दिव्यांग एवं बुजुर्गों को चिन्हित कर लिया जायेगा। 

जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा नियुक्त स्वयंसेवक (नि:शक्त मित्र) इन्हें आवश्यता के अनुरूप घर से लाकर, मतदान करवाने के पश्चात घर तक वापस छोडेंगे। मतदान केन्द्र पर कार्यरत और मतदान दल के लोगों को इस संबंध में विशेष प्रशिक्षण दिए जाने की व्यवस्था की गई है।’’ उन्होंने बताया कि प्रत्येक मतदान केन्द्र पर इन्हें कतार से अलग मतदान करने की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।

रावत ने बताया कि ‘सिटीजन विजिलेंस मोबाइल एप’ का पहली बार उपयोग प्रायोगिक तौर पर बेंगलुरू में किया गया था। यह एप स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने में उपयोगी होगा।

उन्होंने कहा कि यदि कोई प्रत्याशी चुनाव जीतने के लिए आचार संहिता का उल्लंघन कर गलत हथकंडे अपनाता है, तो इस एप के जरिये कोई भी व्यक्ति उसकी वीडियो लोड कर आयोग को रिपोर्ट कर सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायतों को तुरंत कार्रवाई होगी।

इस मौके पर दोनों चुनाव आयुक्त सुनील अरोरा एवं अशोक लवासा भी मौजूद थे।

Web Title: Assembly elections in four states including Madhya Pradesh will be used in the 'Citizen's Vigilance App'

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