Assembly Election Results 2022: EVM से छेड़छाड़ पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा बोले- इसका तो सवाल ही नहीं
By मनाली रस्तोगी | Published: March 10, 2022 08:55 AM2022-03-10T08:55:17+5:302022-03-10T08:58:59+5:30
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा का कहना है कि EVM की सत्यता और पारदर्शिता पर सवाल उठाने का कोई प्रश्न नहीं उठता। EVM 2004 के चुनाव से इस्तेमाल हो रही हैं और 2019 से हमने प्रत्येक मतदान केंद्र पर वीवीपैट की भी व्यवस्था की है। कोई भी मशीन स्ट्रॉन्ग रूम से बाहर नहीं आ सकती है।
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के साथ मणिपुर, गोवा, पंजाब और उत्तराखंड में मतों की गिनती शुरू चुकी है। इस बीच मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा ने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ का कोई सवाल ही नहीं है। 2004 से लगातार ईवीएम का इस्तेमाल हो रहा है, 2019 में हमने हर पोलिंग बूथ पर वीवीपैट का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। राजनीतिक दल के एजेंटों की मौजूदगी में ईवीएम सील की गई।
There is no question of EVM tampering. EVMs are continuously used since 2004, in 2019 we have started using VVPAT at every polling booth. EVMs are sealed in the presence of political party agents: Sushil Chandra, Chief Election Commissioner pic.twitter.com/CrXCeYJCrj
— ANI (@ANI) March 10, 2022
उन्होंने आगे कहा कि मतगणना एक पारदर्शी प्रक्रिया है। एक मानक संचालन प्रक्रिया है जिसके तहत हम मतगणना करते हैं। राजनीतिक दलों के अधिकृत मतदान एजेंटों को मतगणना केंद्र के अंदर आने की अनुमति है। अपनी बात को जारी रखते हुए चंद्रा ने कहा कि जब कुछ दलों ने सवाल उठाए तो हमने उन्हें उस ईवीएम पर प्रदर्शित नंबर दिखाया। मतगणना के लिए स्ट्रांग रूम में सील कर रखी गई ईवीएम से यह मेल नहीं खाता। इसके बाद वे संतुष्ट हुए। स्ट्रांग रूम से कोई भी ईवीएम जिस पर वोट डाला जाता है उसे नहीं निकाला जा सकता है।
When questions were raised by some parties, we showed them no. displayed on that EVM. It didn't match with EVMs that were sealed & kept in the strong room for counting. They were satisfied after this. No EVM on which votes are cast can be taken out from the strong room: CEC
— ANI (@ANI) March 10, 2022
चंद्रा ने आगे बताया कि वाराणसी में एक ईवीएम पर उठाए गए सवाल प्रशिक्षण के उद्देश्य से थे। एडीएम की गलती यह थी कि उन्होंने राजनीतिक दलों को मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए ईवीएम की आवाजाही के बारे में सूचित नहीं किया। ओमीक्रॉन लहर के कारण चुनावी रैलियों पर प्रतिबंध के दौरान चुनाव आयोग ने एमसीसी के उल्लंघन को गंभीरता से लिया। सभी पांच राज्यों में कोविड मानदंडों के उल्लंघन के साथ-साथ एमसीसी उल्लंघन के लिए लगभग 2,270 प्राथमिकी दर्ज की गईं। चुनाव आयोग के लिए हर राजनीतिक दल समान है।
During the ban on election rallies due to the Omicron wave, EC took MCC violations seriously. Around 2,270 FIRs were filed for violation of COVID norms as well as MCC violations in all 5 states. Every political party is the same for EC: Sushil Chandra, Chief Election Commissioner pic.twitter.com/ptGKOyRTpv
— ANI (@ANI) March 10, 2022
'Know your candidate' App was a successful initiative by EC. Supreme Court had decided that people with criminal backgrounds should be known to the voters. So, we created this app & out of 6,900 candidates, more than 1,600 were with a criminal background: CEC Sushil Chandra pic.twitter.com/MfZ5RFLhQ8
— ANI (@ANI) March 10, 2022
मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा ने आगे कहा कि 'अपने उम्मीदवार को जानो' ऐप चुनाव आयोग की एक सफल पहल थी। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया था कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को मतदाताओं के बारे में पता होना चाहिए। इसलिए, हमने यह ऐप बनाया है और 6,900 उम्मीदवारों में से 1,600 से अधिक आपराधिक पृष्ठभूमि वाले थे। इसके अलावा उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव के लिए 31 हजार नए पोलिंग बूथ बनाए गए थे।
31,000 new polling booths were created for the Assembly polls. We created 1,900 polling booths that were run by women & large women participation was seen due to this. In 4 out of 5 states, the percentage of female voters were higher than that of male voters: CEC Sushil Chandra pic.twitter.com/wh4snqQkJC
— ANI (@ANI) March 10, 2022
One Nation One Election is a good suggestion but this needs a change in the Constitution. The Election Commission is fully geared up and is capable of holding all the elections simultaneously. We are ready to hold elections only once in 5 years: CEC Sushil Chandra pic.twitter.com/reixPOoqIl
— ANI (@ANI) March 10, 2022
उन्होंने बताया कि हमने 1,900 मतदान केंद्र बनाए जो महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे थे और इसके कारण बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी देखी गई। 5 में से 4 राज्यों में पुरुष मतदाताओं की तुलना में महिला मतदाताओं का प्रतिशत अधिक था। साथ ही, चंद्रा ने ये भी कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव एक अच्छा सुझाव है लेकिन इसके लिए संविधान में बदलाव की जरूरत है। चुनाव आयोग पूरी तरह से तैयार है और एक साथ सभी चुनाव कराने में सक्षम है। हम 5 साल में सिर्फ एक बार चुनाव कराने के लिए तैयार हैं।