सिलचर में असमिया भाषा की होर्डिंग को काली स्याही से रंगा गया

By भाषा | Updated: October 18, 2021 20:46 IST2021-10-18T20:46:49+5:302021-10-18T20:46:49+5:30

Assamese language hoarding painted with black ink in Silchar | सिलचर में असमिया भाषा की होर्डिंग को काली स्याही से रंगा गया

सिलचर में असमिया भाषा की होर्डिंग को काली स्याही से रंगा गया

सिलचर/गुवाहाटी, 18 अक्टूबर असम के बंगाली-बहुल बराक घाटी क्षेत्र में असमिया भाषा में लिखे गए राज्य सरकार के एक होर्डिंग को काली स्याही से रंग दिया गया है, जिसपर कुछ दलों ने आलोचना की है।

रविवार को कछार जिले के सिलचर में हुई इस घटना को कथित तौर पर दो संगठनों के सदस्यों ने अंजाम दिया जो बराक घाटी क्षेत्र में असमिया के स्थान पर बांग्ला भाषा के इस्तेमाल की मांग कर रहे हैं।

घटना के दृश्यों में कथित कार्यकर्ता सिलचर रेलवे स्टेशन के सामने एक सीढ़ी चढ़ते और होर्डिंग को बदलते दिखे हैं। उन्होंने ‘बांग्ला लिखूं’ और उसके नीचे दो संगठनों के नाम भी लिखे।

सिलचर में एक अधिकारी ने बताया कि घटना के संबंध में पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है, हालांकि कानून लागू करने वाले अधिकारी मामले को देख रहे हैं। असम राजभाषा अधिनियम, 1960 के तहत असमिया को राज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया है, हालांकि इसमें राज्य की बंगाली बहुल बराक घाटी जिसमें कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिले शामिल हैं, में सभी प्रशासनिक और आधिकारिक उद्देश्यों के लिए बांग्ला भाषा के उपयोग के प्रावधान शामिल हैं।

ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएसएसयू) और असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) ने सरकारी होर्डिंग पर स्याही पोत कर राज्य की आधिकारिक भाषा की निंदा करने के क्षेत्रीय संगठनों के कदम की आलोचना की है। बराक डेमोक्रेटिक युवा फ्रंट (बीडीवाईएफ) और ऑल बंगाली स्टूडेंट्स यूथ ऑर्गनाइजेशन (एबीएसवाईओ) ने कथित तौर पर होर्डिंग के पास विरोध प्रदर्शन किया था।

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Web Title: Assamese language hoarding painted with black ink in Silchar

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