दिसपुर : देश में कोरोना महामारी से बचने के लिए वैक्सीनेशन को सबसे अहम माना जा रहा है । देश में चल रही वैक्सीनेशन ड्राइव के बीच असम सरकार ने एक सराहनीय पहल की है ।
राज्य को स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए गए स्पेशल टीकाकरण अभियान में शुक्रवार को 40 ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों को वैक्सीन लगाई गई । यह वैक्सीनेशन प्रोग्राम तृतीय निवास के सदस्यों के लिए कराया गया । इस स्पेशल ड्राइव असम के अन्य जिलों में भी कुछ हफ्तों में उपलब्ध करवाई जाएगी ।
14 मई को असम में ट्रांसजेंडर समुदाय को लगाई गई वैक्सीन
असम के ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड की एसोसिएट वाइस चेयरमैन स्वाति बिदान बरुआ ने कहा कि 'हमारे समुदाय के लोग सड़कों पर भीख मांगते हैं , ऐसे में उनमें सबसे ज्यादा संक्रमण का खतरा है ।
उन्होंने कहा कि कोई कोविड सेंटर हमारे इलाज के लिए नहीं है, ऐसे में वैक्सीनेशन ही संक्रमण को खत्म करने का एकमात्र उपाय है । मैंने स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया , जिसके बाद उन्होंने कहा कि हमें आपकी मदद करके खुशी होगी । 13 मई को हमने स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशालय से संपर्क किया था और 14 मई को वैक्सीनेशन कराया गया । '
ऐसा करना वाला असम बना पहला राज्य
'तृतीया आश्रय गृह में 125 ट्रांसजेंडर रहते हैं और उनमें से 40 को टीका लगाया गया है । दस्तावेज और प्रमाण पत्र को लेकर कई लोगों को परेशानी थी लेकिन उन्होंने कहा कि इसे जल्द ही हल कर लिया जाएगा । दूसरी ड्राइव अगले हफ्ते चलाई जाएगी , जिसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेट करने की उम्मीद है ।
2011 की जनगणना के मुताबिक, असम में 11374 ट्रांसजेंडर रहते हैं । बरुआ कहती है कि रोम एक दिन में नहीं बना था । मुझे उम्मीद है कि जल्द ही हमारे सभी सदस्यों को वैक्सीन लग जाएगी । साथ ही मुझे इस बात की खुशी है कि ऐसी पहल करने वाला असम पहला राज्य है , जिसने इस समुदाय पर ध्यान दिया । '
ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड ने यह भी सुनिश्चित करने के लिए कैंपेन चलाया है कि समुदाय के सदस्य मास्क पहनें , ग्लब्स पहनें । भीड़ में या सड़कों पर रहते हुए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें । देश में कोरोना की दूसरी लहर में कोई भी ट्रांसजेंडर कोरोना पॉजिटिव नहीं पाया गया है ।
पिछले साल बोंगाईगांव में एक सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाया गया था , जिसने ठीक होने के बाद प्लाज्मा भी दान किया था । हाल ही में राज्य हाईकोर्ट ने असम सरकार को गुवाहाटी कॉलेज और अस्पताल में ट्रांसजेंडर के लिए एक अलग विंग बनाने का निर्देश दिया ।