असम में मस्जिद, मदरसों के लिए नया नियम, बाहर से आने वाले इमाम को कराना होगा रजिस्ट्रेशन
By विनीत कुमार | Published: August 23, 2022 08:49 AM2022-08-23T08:49:24+5:302022-08-23T08:53:29+5:30
असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि अब राज्य में बाहर से आने वाले इमाम को पहले सरकारी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। उनका सत्यापान भी स्थानीय पुलिस स्टेशन में किया जाएगा।
गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि अब राज्य के बाहर से मस्जिद और मदरसों में आने वाले मौलवी, इमाम को पहले एक सरकारी पोर्टल पर खुद का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। पुलिस द्लावा आतंकी संगठनों से संबंध के आरोप में गोलपारा जिले से दो इमाम की गिरफ्तारी के दो दिन बाद असम सरकार की ओर से इस नए नियम की घोषणा की गई है।
सरमा ने सोमवार को कहा, 'गिरफ्तार लोगों में से एक जो एक मस्जिद में इमाम के रूप में काम करता था, वह सरगना था। उसने कई गांवों में जिहादी नेटवर्क का विस्तार किया था। छह बांग्लादेशी नागरिक जिहादी नेटवर्क के विस्तार के लिए असम में प्रवेश कर चुके हैं। छह बांग्लादेशी नागरिकों में से असम पुलिस ने एक को गिरफ्तार किया है और पांच अभी भी फरार हैं। असम पुलिस उनकी तलाश में जुटी है।'
'नया इमाम आए तो पुलिस को करें सूचित'
असम के मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमने अब कुछ एसओपी बनाए हैं कि यदि कोई इमाम गांव में आता है, तो आपको सत्यापन के लिए स्थानीय पुलिस को सूचित करना होगा। पुलिस द्वारा सत्यापित होने के बाद लोग उसे इमाम के रूप में रख सकते हैं। असम का मुस्लिम समाज हमें इस पर अपना समर्थन दे रहा है।'
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि ये नियम असम के निवासियों पर लागू नहीं होंगे। उन्होंने कहा, 'असम के निवासियों को अपना विवरण दर्ज करने की कोई आवश्यकता नहीं है। लेकिन राज्य के बाहर से आने वालों को अपना विवरण पोर्टल में दर्ज करना होगा।'
सरमा ने हाल ही में कहा था कि असम 'जिहादी गतिविधियों' का केंद्र बनता जा रहा है। पिछले पांच महीनों में बांग्लादेशी आतंकवादी समूह 'अंसारुल इस्लाम' से जुड़े पांच मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है।
वहीं, समाचार एजेंसी पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया था कि पुलिस ने इस साल मार्च से अब तक 40 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है और विशेष रूप से निचले और मध्य असम के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में कड़ी निगरानी रखी जा रही है।