असम में नया मवेशी संरक्षण विधेयक, हिंदू सहित जैन, सिख बहुल इलाकों और मंदिरों के पांच किमी के दायरे में नहीं बेच सकते बीफ

By विनीत कुमार | Published: July 13, 2021 09:51 AM2021-07-13T09:51:30+5:302021-07-13T09:59:25+5:30

असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार ने सोमवार को राज्य विधानसभा में असम मवेशी संरक्षण विधेयक 2021 विधेयक पेश किया।

Assam new cattle Bill Can’t sell beef within 5 km radius of any temple | असम में नया मवेशी संरक्षण विधेयक, हिंदू सहित जैन, सिख बहुल इलाकों और मंदिरों के पांच किमी के दायरे में नहीं बेच सकते बीफ

असम विधानसभा में नया मवेशी संरक्षण विधेयक पेश (फाइल फोटो)

Highlightsअसम विधानसभा में मवेशियों के संरक्षण के लिए एक नया विधेयक पेश गोमांस या गोमांस से बने अन्य प्रोडक्ट के हिंदू, सिख, जैन बहुल इलाकों में बेचने पर रोक का प्रस्तावनए प्रस्तावित कानून के तहत अपराध गैर-जमानती होंगे, तीन साल कैद या 3 से 5 लाख रुपये तक जुर्माना का भी प्रावधन

असम विधानसभा में मवेशियों के संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए एक नया विधेयक पेश कर दिया गया। असम मवेशी संरक्षण विधेयक 2021 को मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व शर्मा ने सदन में रखा। इस विधेयक में गोमांस या गोमांस से बने अन्य प्रोडक्ट के हिंदू, जैन, सिख और अन्य बीफ नहीं खाने वाले समुदायों के क्षेत्रों या इन धर्मों के पूजा स्थलों के पांच किमी के दायरे में बेचे जाने पर रोक का प्रावधान है।

इस विधेयक में उचित दस्तावेज के अभाव में मवेशियों के एक जिले से दूसरे जिले और असम के बाहर परिवहन को भी अवैध बनाने का प्रस्ताव है। नए प्रस्तावित कानून के तहत अपराध गैर-जमानती होंगे। 

यह कानून किसी व्यक्ति को मवेशियों का वध करने से निषिद्ध करेगा, जब तक कि उसने किसी विशेष क्षेत्र के पंजीकृत पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी आवश्यक प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं किया हो। कुछ धार्मिक मौकों पर इसमें छूट होगी। 

विधेयक के अनुसार पशु चिकित्सा अधिकारी केवल तभी प्रमाण पत्र जारी करेगा जब उसकी राय में मवेशी, जो कि गाय नहीं है और उसकी आयु 14 वर्ष से अधिक हो। किसी गाय, बछिया या बछड़े का तभी वध किया जा सकता है जब वह स्थायी रूप से अपाहिज हो।

पुलिस अधिकारियों कर सकेंगे कहीं भी जांच

इस प्रस्तावित कानून में ये भी कहा गया है कि पुलिस अधिकारी (सब-इंस्पेक्टर से नीचे नहीं) या कोई भी सरकार द्वारा अधिकृत शख्स किसी भी परिसर में शक होने पर जांच कर सकता है। इससे पहले ये अधिकार केवल सरकार द्वारा नियुक्त वेटरिनरी अफसर या सर्टिफाइंग अफसर को मिला हुआ था।  

दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को कम से कम तीन साल की कैद या 3 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है। नए कानून के तहत अगर कोई दोषी दूसरी बार उसी या संबंधित अपराध का दोषी पाया जाता है तो सजा दोगुनी हो जाएगी। कानून पूरे असम में लागू होगा।

विपक्ष ने लगाए आरोप

इस प्रस्तावित विधेयक पर विपक्ष का कहना है कि वह इसमें बदलाव की बात रखेगी। एआईयूडीएफ के एक विधायक अमिनुल इस्लाम ने कहा, 'ये बिल गाय को बचाने के लिए नहीं है बल्कि मुस्लिमों की भावनाओं को आहत करने के लिए और विभिन्न समुदायों के ध्रुवीकरण के लिए है। हम इसका विरोध करेंगे और संशोधन लेकर आएंगे।'

Web Title: Assam new cattle Bill Can’t sell beef within 5 km radius of any temple

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे