दिसपुर : कांग्रेस के लोकसभा सांसद अब्दुल खलीक ने बुधवार को भाजपा पर आरोप लगाया कि सरकार गौ संरक्षण विधेयक लगाकर राज्य में मोब लिंचिग करवाकर हत्या की घटनाओं को बढ़ावा देना चाहती है और इससे अधिक मवेशी गिरोह बन जाएंगे ।
उन्होंने दावा किया कि मवेशियों के वध, खपत और परिवहन को विनियमित करने का प्रस्ताव भाजपा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए पेश किया गया था । इसके प्रावधान यह सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं कि राज्य में लगभग कहीं भी गौ मांस नहीं बेचा जा सकता है ।
अल्पसंख्यक बहुल बारपेटा निर्वाचन क्षेत्र के सांसद ने गुवाहाटी में मीडिया से बात करते हुए कहा कि मवेशियों के परिवहन पर विभिन्न प्रतिबंध लगाकर एक नया परमिट राज बनाया जाएगा, जिसे असम में एक विशाल पशु सिंडिकेट बन जाएगा ।
12 जुलाई को विधानसभा में असम में विशेष संरक्षण विधेयक 2021 को पेश करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि सरकार असम मवेशी संरक्षण अधिनियम 1950 को निरस्त करना चाहती है, जिसमें उन्होंने कहा कि इस अधिनियम में मुद्दों से निपटने के लिए पर्याप्त कानूनी प्रावधानों का अभाव है ।
विधेयक में मुख्य रूप से कहा गया कि हिंदू, जैन,सिख और अन्य खाने गैर-बीफ खाने वाले समुदाय के निवास स्थान, किसी मंदिर , किसी अन्य संस्थान या क्षेत्र के 5 किलोमीटर के दायरे में बीफ की खरीद और बिक्री पर रोक लगाने का प्रस्ताव लाया गया है ।
कांग्रेस नेता खालिक ने कहा कि 5 किलोमीटर के दायरे का मतलब है कि प्रस्तावित कानून परोक्ष रूप से कहता है कि असम में लगभग कहीं भी गौ मांस नहीं बेचा जा सकता । उन्होंने कहा कि एक ऐसा स्थान खोजना मुश्किल होगा जो सभी शर्तों को पूरा करें।
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि विधेयक भाजपा और आरएसएस के एजेंडे को पूरा करने के लिए है और यह प्रावधान राज्य में मॉब लिंचिंग और सांप्रदायिक घटनाओं को बढ़ावा दे सकता है ।