मोदी सरकार ने 2.56 लाख डाक कर्मचारियों को दिया तोहफा, वित्तीय अपग्रेडेशन योजना शुरू की, जानिए इसके लाभ

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: March 16, 2024 07:13 AM2024-03-16T07:13:51+5:302024-03-16T07:15:06+5:30

संचार मंत्रालय के अनुसार, इस योजना के तहत, प्रत्येक ग्रामीण डाक सेवक को 12, 24 और 36 वर्ष की सेवा पूरी करने पर तीन वित्तीय अपग्रेडेशन मिलेंगे। जिनकी राशि क्रमशः 4,320 रुपये, 5,520 रुपये और 7,200 रुपये प्रति वर्ष होगी।

Ashwini Vaishnaw financial upgradation scheme for 2.56 lakhs Gramin Dak Sevaks (GDSs) working in Department of Posts | मोदी सरकार ने 2.56 लाख डाक कर्मचारियों को दिया तोहफा, वित्तीय अपग्रेडेशन योजना शुरू की, जानिए इसके लाभ

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (फाइल फोटो)

Highlightsकेंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 2.56 लाख डाक कर्मचारियों के लिए वित्तीय उन्नयन की शुरुआत कीप्रत्येक ग्रामीण डाक सेवक को 12, 24 और 36 वर्ष की सेवा पूरी करने पर तीन वित्तीय अपग्रेडेशन मिलेंगे।राशि क्रमशः 4,320 रुपये, 5,520 रुपये और 7,200 रुपये प्रति वर्ष होगी

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार, 15 मार्च  को डाक विभाग में कार्यरत 2.56 लाख से अधिक ग्रामीण डाक सेवकों (जीडीएस) की सेवा शर्तों में सुधार और सेवा में ठहराव को दूर करने के लिए एक वित्तीय अपग्रेडेशन योजना शुरू की।  संचार मंत्रालय के अनुसार, इस योजना के तहत, प्रत्येक ग्रामीण डाक सेवक को 12, 24 और 36 वर्ष की सेवा पूरी करने पर तीन वित्तीय अपग्रेडेशन मिलेंगे। जिनकी राशि क्रमशः 4,320 रुपये, 5,520 रुपये और 7,200 रुपये प्रति वर्ष होगी।

यह जीडीएस को 'समय संबंधी निरंतरता भत्ता (टीआरसीए)' के रूप में प्रदान किए गए पारिश्रमिक के अतिरिक्त है। मोदी सरकार कल्याणकारी उपायों की श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए सरकार अब ग्रामीण डाक सेवक वित्तीय उन्नयन योजना, 2024 लेकर आई है। 

कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा,"ग्रामीण डाक सेवक ग्रामीण क्षेत्रों में डाक प्रणाली की रीढ़ हैं। 2.5 लाख से अधिक ग्रामीण डाक सेवक हमारे देश के सुदूर हिस्सों में वित्तीय सेवाएं, पार्सल वितरण और अन्य जी2सी सेवाएं प्रदान करते हैं। जीडीएस की सेवा शर्तों में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम में, इस योजना से 2.56 लाख से अधिक जीडीएस को लाभ होने और उनकी सेवा में ठहराव दूर होने की उम्मीद है।"

वैष्णव ने कहा कि डाक नेटवर्क को सेवा वितरण नेटवर्क में बदलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण है। उन्होंने कहा, "इस दृष्टिकोण को लागू करने के लिए, सरकार ने देश के सभी डाकघरों को डिजिटल कर दिया है। पासपोर्ट सेवा, आधार सेवा और डाक निर्यात केंद्र जैसी नई सेवाएं शुरू की गई हैं।" मंत्री ने यह भी कहा कि 1.25 करोड़ से अधिक नागरिकों ने अपने पासपोर्ट डाकघरों के माध्यम से बनवाए हैं।" 

उन्होंने कहा कि 10 करोड़ से अधिक नागरिकों ने डाकघरों के माध्यम से आधार सेवाओं का लाभ उठाया है। मंत्री ने कहा कि जब कई देशों में डाक नेटवर्क सिकुड़ रहा है तो सरकार ने 10,480 नये डाकघर खोलने का फैसला किया है। यह सभी बसे हुए गांवों के 5 किमी के भीतर बैंकिंग सेवाओं के प्रावधान की सुविधा प्रदान करता है। जीडीएस ग्रामीण क्षेत्रों में आधार सेवाएं, डीबीटी भुगतान भी प्रदान करता है। 

उन्होंने कहा, "लगभग 4 करोड़ डीबीटी लाभार्थियों को देश के विभिन्न डाकघरों के माध्यम से 22,000 करोड़ रुपये का भुगतान प्राप्त हुआ है। इनमें से अधिकांश भुगतान जीडीएस द्वारा किए गए हैं।" वैष्णव ने आगे कहा कि जीडीएस ने ग्रामीण क्षेत्रों में 1.7 करोड़ से अधिक सुकन्या समृद्धि खाते खोले हैं।

Web Title: Ashwini Vaishnaw financial upgradation scheme for 2.56 lakhs Gramin Dak Sevaks (GDSs) working in Department of Posts

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