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कांग्रेस ने किया ऐलान- अशोक गहलोत होंगे राजस्थान के नए मुख्यमंत्री, सचिन पायलट बने डिप्टी सीएम

By स्वाति सिंह | Updated: December 14, 2018 16:13 IST

राहुल गांधी के राजस्थान मुख्यमंत्री के लिए अशोक गहलोत के नाम पर मुहर लगा दी है। अशोक गहलोत पहले भी दो बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। राजस्थान में कांग्रेस को विधान सभा चुनाव में 99 सीटें मिली हैं।

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राजस्थान में मुख्यमंत्री के नाम पर घमासान के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री के नाम ऐलान हुआ। AICC में प्रेस कॉन्फेंस करते हुए कांग्रेस ने बताया कि अशोक गहलोत सीएम बनेंगे। राहुल गांधी के राजस्थान मुख्यमंत्री के लिए अशोक गहलोत के नाम पर मुहर लगा दी है।सचिन पायलट को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा।

अशोक गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा, मुख्यमंत्री बनने के बाद किसानों का कर्जा माफ करेंगे। हम सब मिलकर राजस्थान के अंदर एक अच्छा सरकार बनाएंगे। राजस्थान में गरीबों ने जो कुछ भी झेला है वह सबको कम करने की कोशिश करेंगे। 

अशोक गहलोत ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को निशाना साधते हुए कहा, उन्होंने राजस्थान की जनता से पांच साल तक मुलाकात नहीं की। 

सचिन पायलट ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनने की बधाई देते हुए कहा, हम राहुल गांधी का धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने हमें ये मौका दिया है। हम कोशिश करेंगे कि घोषण पत्र में हमने जितनी बातें कही हैं वो सब जल्द से जल्द लागू कर दे।

बता दें कि अशोक गहलोत तो दो बार राज्य के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। आइए जानते हैं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ट नेता अशोक गहलोत के बारे कुछ बातें। अशोक गहलोत को घूमना-फिरना बेहद पसंद है। यही नहीं एक बहुत दिलचस्प बात यह है कि जहां भी जाते हैं बिस्कुट का पैकेट जरुर रखते हैं। क्योंकि उन्हें कड़ाकेदार चाय पसंद है और वह चाय के साथ बिस्कुट खाना पसंद करते हैं।

इनकी कुल संपति लगभग 6 करोड़ 44 लाख रुपये की है लेकिन वावजूद इसके इनके पास कोई कोई गाड़ी नहीं है। अशोक गहलोत के पिता पेशे से जादूगर थे। बताया जाता है कि गहलोत ने भी अपने पिता से यह हुनर सीखा था। यही नहीं बल्कि कुछ समय तक तो उन्होंने जादूगरी में अपना हाथ भी आजमाया था।

गहलोत का लाइफस्टाइल बेहद साधारण है इसके कारण इन्हें राजस्थान का गांधी भी कहा जाता रहा है।अशोक गहलोत सबसे पहले  1980 में संसद चुने गए थे।वह लगातार चार बार सांसद रहने का मौका मिला है।इसके बाद साल 1999 से लेकर अभी तक सरदारपुरा सीट से पांच बार विधानसभा चुनाव जीता है। यूपीए सरकार के दौरान केंद्र में भी गहलोत ने अहम भूमिका निभाई है। साल 1982 से 1993 के बीच उन्होंने पर्यटन, नागरिक उड्डयन, स्पोर्ट्स और टेक्सटाइल्स मंत्रालय संभाला है। बाद में साल 2004 से 2009 तक उन्होंने दिल्ली के महासचिव पद पर और सेवा दल सेल में कार्यरत रहे है।

गहलोत ने साइंस और लॉ में ग्रैजुएट गहलोत अर्थशास्त्र में मास्टर्स की डिग्री ली है। अपनी पढाई पूरी होने के बाद सीधा राजनीति में कूद पड़े।गहलोत समाजसेवा करने लगे।पूर्वी बंगाल शरणार्थी संकट के वक्त उन्होंने काफी लोगों की मदद की थी।संयोजवश उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से इनका सामना हुआ और वह गहलोत को कांग्रेस में ले आईं। राजनीति में गहलोत कर्तव्यनिष्ठा से तो सभी बखूबी वाकिफ हैं।

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