असदुद्दीन ओवैसी ने मोरबी हादसे पर कहा, "जब सरकार भाजपा की है तो विपक्ष का सवाल भी उसी से होगा, मरने वालों का इंसाफ करें नरेंद्र मोदी"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 2, 2022 05:20 PM2022-11-02T17:20:03+5:302022-11-02T17:24:17+5:30
मोरबी हादसे पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी भाजपा और वहां की राज्य सरकार की है। उन्हें ही इस मामले में जवाब देना चाहिए और विपक्ष लगातार उनसे सवाल पूछेगा। नरेंद्र मोदी मरने वालों के साथ इंसाफ करें।
दिल्ली: मोरबी हादसे पर अफसोस जताते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस हादसे की जिम्मेदारी सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी भाजपा और वहां पर उनकी राज्य सरकार की है। उन्हें ही इस मामले में जवाब देना चाहिए।
इसके साथ ही ओवैसी ने यह भी कहा कि इस अफसोसनाक वाकये पर, जिसमें 135 लोगों की मौत हो गई है। भला विपक्ष क्या राजनीति करेगा, राजनीति तो वो लोग कर रहे हैं जो हादसे के बाद उसकी लिपापोती में जुटे हुए हैं। देश के अन्य मसलों के साथ मोरबी हादसे पर बात करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने मरने वालों के लिए इंसाफ की मांग की है।
Morbi Bridge Collapse और देश के दिगर मुख्तलिफ़ मुद्दों पर AIMIM अध्यक्ष बैरिस्टर @asadowaisi की प्रतिक्रिया। #MorbiBridgehttps://t.co/ApSfiGBYrt
— AIMIM (@aimim_national) November 2, 2022
ओवैसी ने कहा कि सत्ता उनका, निजाम उनका, हादसा हुआ तो जवाब भी तो वही देंगे और अगर विपक्ष सवाल करे तो वह गुनहगार हो जाता है।। क्या अब इस देश में विपक्ष को स हादसे पर सवाल पूछने का भी हक नहीं है। उन्होंने कहा कि हादसे का मंजर इतना खौफनाक था कि इंसान की रूह कांप उठे, आखिर 135 लोग मरे किस लापरवाही से। ये सिस्टम की गलती है और सिस्टम कौन चला रहा है, वहां की भाजपा सरकार, तो उस नाते उनकी जवाबदेही बनती है और उन्हें जवाब देना होगा ये इंसानी जिंदगी का मसला है।
हादसे में मरने वाले त्योहार मनाने के लिए इकट्ठा हुए थे, पल भर में मौत का कहर टूट पड़ा। ओवैसी ने कहा, "हम मांग करते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कि वो कम से कम करने वालों के साथ तो इंसाफ करें। ये बहुत बड़ी बात होगी की असली गुनहगारों को सजा मिले। इससे मरने वालों को तो सुकून मिलेगा।"
मालूम हो कि एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने बीते मंगलवार को इस हादसे के लिए भाजपा सरकार को कटघरमें में खड़ा करते हुए सवाल उठाया कि आखिर मोरबी पुल पर वो कौन लोग थे, जिन्होंने टिकट के लालट में भार सहने से ज्यादा की संख्या में लोगों को पुल पर एकसाथ जाने की इजाजत दी। घड़ी और सीएफएल बनाने वाले कंपनी को बिना टेंडर पुल के मरम्मत का ठेका किसके कहने पर दिया गया, जबकि उसका पुल मरम्मत में कोई अनुभव भी था।
ओवैसी ने कहा कि आखिर एक पब्लिक प्रॉपर्टी को अपने से कैसे किसी को मेंटेमेंस के लिए अलॉट किया गया, आखिर कौन देगा इन सवालों का जवाब। घड़ी कंपनी ने पुल के साथ मजाक किया, मेंटेनेंस के नाम पर लीपापोती करके करोड़ों रुपये का बिल दिया गया और बिना किसी से पूछे पुल को खोल दिया गया। आखिर किसकी इजाजत से पुल को दोबारा खोला गया। मामले में टिकट बेचने वालों को पकड़कर ये सरकार किसे बचा रही है। जिन लोगों के अपने इस हादसे में मरे हैं, उन्हें यह जानने का हक है कि उनके लोगों का हत्यारा कौन है।