कफील खान के जेल से ना निकलने पर सीएम योगी पर भड़के ओवैसी, कहा- 'ठोक देंगे' व 'बोली नहीं तो गोली' वाले राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा
By पल्लवी कुमारी | Published: February 15, 2020 08:29 AM2020-02-15T08:29:49+5:302020-02-15T08:29:49+5:30
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत किसी भी व्यक्ति को तब तक जेल में रखा जा सकता है जब तक प्रशासन इस बात से संतुष्ट ना हो जाए कि उस व्यक्ति से राष्ट्रीय सुरक्षा या कानून व्यवस्था को कोई खतरा नहीं है।
भड़काऊ बयान देने के मामले में डॉ. कफील खान को कोर्ट से जमनात मिल गई है। जमानत के बाद भी रिहाई नहीं मिलने पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ पर सवाल खड़े किए हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा है कि सीएम योगी जैसी भाषा का प्रयोग करने वालों से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। जमानत के बाद भी कफील खान इसलिए नहीं निकल पाए हैं क्योंकी यूपी सरकार ने उनपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में बाल रोग विशेषज्ञ कफील खान को गिरफ्तार किया गया था।
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा, , "उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बार-बार विरोधियों, सताए हुए दलितों और मुस्लिमों के खिलाफ NSA का प्रयोग कर रहे हैं। एक डॉक्टर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कैसे खतरा हो सकता है। एक सीएम जो 'ठोक देंगे' और 'बोली नहीं तो गोली' जैसी भाषा का प्रयोग करते हैं असल में तो वो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं।"
In UP, NSA has been repeatedly used by Yogi to target & persecute Dalits, Muslims & dissidents. A doctor is not a threat to national security. A CM saying “thok denge” & “boli nahi toh goli” is definitely a threat to national security#RepealNSA#ReleaseDrKafeel
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 14, 2020
CAA के खिलाफ भाषण देने पर कफील खान की गिरफ्तारी हुई थी
संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मथुरा जेल में बंद गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के निलंबित प्रवक्ता डॉक्टर कफील खान पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कार्रवाई की गई है। अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरी ने 'भाषा' को टेलीफोन पर बताया था कि कफील के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की गई है और वह जेल में ही रहेंगे।
खान को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने गत 29 जनवरी को मुंबई में गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ अलीगढ़ के सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। उन्हें मुंबई में गिरफ्तार करने के बाद अलीगढ़ लाया गया था मगर उन्हें फौरन मथुरा जेल भेज दिया गया था।
पुलिस का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी है और अलीगढ़ जेल में कफील खान की मौजूदगी होने से शहर की कानून-व्यवस्था और खराब हो सकती है। मालूम हो कि डॉक्टर कफील खान को अगस्त 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई 60 से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया था। करीब 2 साल के बाद जांच में खान को सभी प्रमुख आरोपों से बरी कर दिया गया था।
कफील खान के भाई ने लगाए योगी सरकार पर कई आरोप
डॉक्टर कफील के भाई अदील खां ने राज्य सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि सरकार चाहती है कि कफील खामोश रहें। कफील नए नागरिकता कानून के खिलाफ पिछली दिसंबर में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मथुरा जेल में बंद हैं। हालांकि उन्हें जमानत मिल चुकी है मगर उन्हें रिहा नहीं किया गया है।
अदील ने कहा "सरकार मेरे भाई को खामोश कराने की कोशिश कर रही है। कुछ दिन पहले, एक टीवी समाचार चैनल पर कार्यक्रम के दौरान डॉक्टर कफील ने खुलासा किया था कि गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में रोजाना अनेक बच्चे मर रहे हैं लेकिन सरकार आंकड़ों और तथ्यों को छुपा रही है।"
उन्होंने कहा ‘‘डॉक्टर कफील को शुक्रवार सुबह 6 बजे मथुरा जेल से रिहा किया जाना था। मेरा भाई काशिफ अपने वकील के साथ जेल पहुंचा लेकिन 9 बजे जेल में पुलिस बल की तादाद बढ़ा दी गई और हमसे मौखिक रूप से कहा गया कि कफील पर एनएसए की तामील कर दी गई है। ’’