नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर की दो महिलाओं को नग्न घुमाने के वीडियो पर प्रतिक्रिया देने के लिए केवल इसलिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि यह वायरल हो गया था। उन्होंने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को हटाने और मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए ओवैसी ने कहा, "पीएम को वीडियो पर प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि यह अब वायरल हो गया है...वहां नरसंहार हो रहा है...न्याय तभी होगा जब सीएम को हटाया जाएगा और पीएम सीबीआई जांच का आदेश देंगे।" इससे पहले औवेसी ने मोदी की दो महीने की चुप्पी पर सवाल उठाया और पूछा कि क्या सीएम सिंह 160 लोगों की जान के नुकसान की भरपाई करेंगे।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "कुकी जनजातियों के लगातार दो महीने से जारी नरसंहार के बाद आखिरकार प्रधानमंत्री ने मणिपुर पर बात की, इस सवाल का सरकार को जवाब देना चाहिए लेकिन क्या मोदी ने उस भयानक वीडियो पर प्रतिक्रिया दी होगी? क्या मणिपुर के भाजपा मुख्यमंत्री मारे गए 160 लोगों, बलात्कार की शिकार कई महिलाओं, विस्थापित हुए पचास हज़ार लोगों को न्याय देंगे, नहीं, नहीं।"
संसद के मॉनसून सत्र से पहले पीएम मोदी ने मणिपुर वीडियो पर दुख जताया और इसे किसी भी सभ्य समाज के लिए 'शर्मनाक' बताया। मोदी ने कहा कि हमें राजनीति से ऊपर उठकर महिलाओं की सुरक्षा करनी चाहिए और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन भी दिया। मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।
वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद मणिपुर में तनाव काफी बढ़ हो गया है। वीडियो में दिख रहा है कि अन्य पक्ष के कुछ व्यक्ति एक समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड करा रहे हैं। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। तब से अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।