नई दिल्ली, 22 सितंबरः दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल शनिवार को रॉफेल विमान सौदों को लेकर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तीन सवाल पूछे। इन सवालों में उन्होंने पीएम मोदी को अनिल अंबानी का संबंधी बताया। उन्होंने पूछा क्या उनके रिश्ते अब व्यावसायिक रिश्तों में तब्दील हो गए हैं? इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट कर कहा, "प्रधानमंत्री जी सच बोलिए। देश सच जानना चाहता है। पूरा सच।
रोज़ भारत सरकार के बयान झूठे साबित हो रहे हैं। लोगों को अब यक़ीन होने लगा है कि कुछ बहुत ही बड़ी गड़बड़ हुई है, वरना भारत सरकार रोज़ एक के बाद एक झूठ क्यों बोलेगी?
इसके बाद उन्होंने पीएम पर ये तीन सवाल उठाए-
1. आपने ये ठेका अनिल अम्बानी को ही क्यों दिलवाया? और किसी को क्यों नहीं?
2. अनिल अम्बानी ने कहा है कि उनके आपके साथ व्यक्तिगत सम्बंध हैं। क्या ये सम्बंध व्यवसायिक भी हैं?
3. राफ़ेल घोटाले का पैसा किसकी जेब में गया- आपकी, भाजपा की या किसी अन्य की?
केजरीवाल ये सवाल हिन्दी टीवी न्यूज चैनल के संवाददाता के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए पूछे। संवाददाता आशुताष मिश्रा ने अपने एक ट्वीट में यह लिखा, "पीएम मोदी पेरिस में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद से 10 अप्रैल 2015 को मिलने गए थे। तब उन्होंने 7.5 बिलियन यूरो की एक डील की घोषणा की थी, इसमें 36 विमानों का सौदा हुआ था।" उनका यह ट्वीट इस मामले पर धड़ाधड़ किए गए ट्वीट सिरीज का एक हिस्सा है। आशुतोष ने ट्वीट की एक सिरीज प्रकाशित कर यह समझाने की कोशिश है- राफेल की कीमतें कब और कैसे बढ़ीं?
इससे पहले फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ने अपने एक बयान में यह कहकर मामले को हवा दे दी कि विमानों के सौदे के लिए अनिल अंबानी का नाम भारतीय सरकार और भारतीय पीएम के द्वारा सुझाया गया था। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर से राफेल सौदे पर हमालवर हो गए। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, पीएम ने निजी तौर पर राफेल विमानों के सौदे में हस्तेक्षेपर कर खरीद को अंतिम रूप दिया था। फ्रांस्वा ओलांद का धन्यवाद। अब हम सब जान गए कि पीएम ने निजी तौर एक बैंकरप्ट अनिल अंबानी को अरबों की डील सौंप दी। उन्होंने सेना के जवानों के खून को अपमानित किया है।