केजरीवाल ने ‘शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल’ का उद्घाटन किया, निःशुल्क मिलेगी सशस्त्र बलों में जाने के लिए कोचिंग
By शिवेंद्र राय | Published: August 27, 2022 03:43 PM2022-08-27T15:43:05+5:302022-08-27T15:44:55+5:30
शनिवार को दिल्ली के नजफगढ़ में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ‘शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल’ का उद्घाटन किया। इस स्कूल में छात्रों को सशस्त्र बलों में जाने के लिए तैयार किया जाएगा। शिक्षा निःशुल्क होगी।
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को दिल्ली के नजफगढ़ में ‘शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल’ का उद्घाटन किया। केजरीवाल ने बताया कि स्कूल में छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए सेना के सेवानिवृत्त अधिकारियों आमंत्रित किया जाएगा।
CM @ArvindKejriwal inaugurates Shaheed Bhagat Singh Armed Forces Preparatory School (SOSE) in Delhi!
— AAP (@AamAadmiParty) August 27, 2022
It will provide a stellar launch pad to young bravehearts coming from families of every class, to join the National Defence Academy/Naval Academy, & protect our motherland 🇮🇳🪖 pic.twitter.com/oQiQmfmGeE
इस मौके पर अरविंद केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली में कोई सैनिक स्कूल नहीं था। हमने एक साल पहले तैयारी शुरू की थी, लेकिन यह नहीं पता था कि स्कूल एक साल में तैयार हो जाएगा। मैं दिल्ली और देश की तरफ से उन लोगों का आभार जताता हूं, जिन्होंने एक साल के भीतर इस सपने को साकार कर दिखाया।"
हमने एक-दो साल पहले ये सोचा कि Armed Forces में जाने के लिए तैयारी कराने वाला कोई Sainik School Delhi में नहीं है।
— AAP (@AamAadmiParty) August 27, 2022
उम्मीद नहीं थी कि ये एक साल में ही बनकर तैयार हो जाएगा। मैं पूरी टीम को दिल्ली और पूरे देश की ओर से बधाई देता हूं।
— CM @ArvindKejriwalpic.twitter.com/nKxfKRH3QT
केजरीवाल ने आगे कहा, ‘शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल’ में शिक्षा पूरी तरह मुफ्त है। 80-90% बच्चे सरकारी स्कूलों से आए हैं। यहां बच्चों को एनडीए, नौसेना अकादमी के लिए तैयार करेंगे। सेवानिवृत्त अधिकारी यहां उन्हें प्रशिक्षित करेंगे। ऐसी अत्याधुनिक सुविधाएं बड़े-बड़े स्कूलों में नहीं होती।"
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि स्कूल का नाम भगत सिंह के नाम पर रखा गया है, ताकि छात्र उनके जीवन से सीख ले सकें। उन्होंने कहा, "कई लोग विदेश चले जाते हैं। अगर सभी बाहर चले जाएंगे तो देश को ठीक कौन करेगा? हमारा भारत जैसा भी है, हमारा है। हम ही इसे ठीक करेंगे। इसलिए मैंने सोचा था कि कभी विदेश नहीं जाना है। यहीं रहना है, यहीं मरना है। इस देश के लिए ही जिएंगे, देश के लिए ही मरेंगे। केवल 23 साल की उम्र में शहीद भगत सिंह ने देश के लिए अपनी जान दे दी। इस स्कूल का नाम शहीद-ए-आजम पर रखा गया है ताकि उनसे हर बच्चे को प्रेरणा मिले। घमंड नहीं करना,हर ग़रीब का योगदान है आपकी पढ़ाई में। भारत मां के लिए सबकुछ न्योछावर करने के लिए तैयार रहना।"
केवल 23 साल की उम्र में Shaheed Bhagat Singh ने देश के लिए अपनी जान दे दी
— AAP (@AamAadmiParty) August 27, 2022
इस School का नाम शहीद-ए-आज़म पर रखा गया है ताकि उनसे हर बच्चे को प्रेरणा मिले
घमंड नहीं करना,हर ग़रीब का योगदान है आपकी पढ़ाई में।भारत मां के लिए सबकुछ न्योछावर करने के लिए तैयार रहना
—CM @ArvindKejriwalpic.twitter.com/o4rEKHx0LX
बता दें कि दिल्ली सरकार द्वारा शुरू किए गए इस स्कूल में सशस्त्र बलों में जाने के लिए तैयार किया जाएगा। उन्हें हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। स्कूल में छात्रों की बेहतर तैयारी के लिए साइकोमेट्रिक टेस्ट, व्यक्तित्व विकास कार्यशालाएं और मॉक टेस्ट आयोजित किए जाएंगे।