केजरीवाल सरकार इन मुद्दों पर नहीं जीत सकी मतदाताओं का विश्वास, सर्वे में हुआ चौंकाने वाला तथ्यों का खुलासा
By रामदीप मिश्रा | Published: May 29, 2019 12:02 PM2019-05-29T12:02:33+5:302019-05-29T12:02:33+5:30
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से जारी की गई सर्वे रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अरविंद केजरीवाल सरकार ट्रैफिक जाम की समस्या, पानी व वायु प्रदूषण और बेहतर रोजगार के अवसरों में से शीर्ष तीन प्राथमिकताओं पर प्रदर्शन औसत से नीचे रहा है।
दिल्ली की कुर्सी पर काबिज करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के मतदाताओं ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रचंड बहुमत देकर उन पर अपार विश्वास जताया, लेकिन एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि जिन मुद्दों पर लोगों ने आम आदमी पार्टी (आप) वोट दिया है उस पर वह खरी नहीं उतरी है और उसका प्रदर्शन निराशाजनक रहा है।
केजरीवाल सरकार इन मुद्दों पर फेल हुई
दरअसल, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से जारी की गई सर्वे रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अरविंद केजरीवाल सरकार ट्रैफिक जाम की समस्या, पानी व वायु प्रदूषण और बेहतर रोजगार के अवसरों में से शीर्ष तीन प्राथमिकताओं पर प्रदर्शन औसत से नीचे रहा है। सर्वे में राष्ट्रीय राजधानी की सभी सात लोकसभा सीटों में लगभग 3,500 मतदाताओं से उनकी प्राथमिकताओं और मतदान के पैटर्न के बारे में पूछा गया।
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, साल 2018 में मतदाताओं ने ट्रैफिक जाम (49.67 प्रतिशत), वायु और जल प्रदूषण (44.52 प्रतिशत) और बेहतर रोजगार के अवसरों (43.07 प्रतिशत) को अपनी शीर्ष प्राथमिकताओं के रूप में रखा था, जिस पर केजरीवाल सरकार का प्रदर्शन औसत से कम रहा। उनकी सरकार को पांच में से ट्रैफिक जाम पर 2.27, जल और वायु प्रदूषण पर 2.29 और बेहतर रोजगार के अवसर पर 2.29 अंक दिए गए हैं जोकि औसत से भी नीचे हैं।
आम आदमी पार्टी सरकार ने ग्रामीणों को भी किया निराश
आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने शहरी दिल्ली में महिलाओं के सशक्तिकरण व सुरक्षा (1.85) और ध्वनि प्रदूषण (2.27) पर भी खराब प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय राजधानी में ग्रामीण मतदाताओं के लिए शीर्ष प्राथमिकताएं में से कृषि उत्पादों की उच्च कीमत (56 प्रतिशत), बेहतर रोजगार के अवसर (52 प्रतिशत) और कृषि के लिए बिजली (44 प्रतिशत) थीं। इस मामले को लेकर मतदाताओं का कहना कि सरकार का प्रदर्शन औसत से नीचे रहा। आम आदमी पार्टी सरकार को ग्रामीणों की ओर से पांच में से कृषि उत्पादों की उच्च कीमत पर 2.12, बेहतर रोजगार के अवसर पर 2.17 और कृषि के लिए बिजली पर 2.25 अंक दिए गए हैं।
वोटर्स को नहीं पता था उम्मीदवारों का आपराधिक रिकॉर्ड
सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि 97 फीसदी मतदाताओं का मानना है कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार संसद या राज्य विधानसभा में नहीं होने चाहिए। वहीं, वोट करते समय 32 प्रतिशत मतदाता को उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जानकारी थी। 37 प्रतिशत ऐसे लोग थे जिन्हें उम्मीदवार की आपराधिक पृष्ठभूमि के रिकॉर्ड का पता नहीं था।