दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली पर्वतारोही ने दुख व्यक्त किया है। उन्हें ये दुख एवरेस्ट पर जाने के लिए नहीं हुआ बल्कि उज्जैन के महाकाल मंदिर में दर्शन से रोके जाने और उनकी मजाक उड़ाने पर हुआ है। हम बात कर रहे हैं अरुणिमा सिन्हा की। उन्होंने ट्वीट कर अपना रोष और दुख प्रकट किया है। साथ ही अपने साथ हुए दुर्व्यवहार की भी बात कही है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मुझे आपको ये बताते हुए बहुत दुःख है की मुझे एवरेस्ट जाने में इतना दुःख नहीं हुआ जीतना मुझे महाकाल मंदिर उज्जैन में हुआ वहां मेरी दिव्यंगता का मजाक बना। उन्होंने ये ट्वीट प्रधानमंत्री कार्यालय और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को किया है।
खबरों के अनुसार, जांच के बाद प्रशासक ने बताया कि अरुणिमा सुबह 4.30 बजे मंदिर पहुंची। इस समय भस्मारती चल रही थी इसलिए उन्हें नंदीहॉल में बैठाया गया। वे फुटेज में दर्शन करते हुए दिखाई दे रही हैं।
उन्होंने बताया कि ऐसी परंपरा है कि भस्मारती के दौरान मंदिर में ड्रेस कोड का पालन किया जता है, जिसमें महिलाओं को साड़ी पहनना जरूरी है। इसलिए उन्हें गर्भगृह में जाने से रोका गया।