पूर्व वित्त मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कद्दावर नेता अरुण जेटली के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को शोक जताया है। पीएम मोदी इस वक्त विदेश के दौरे पर हैं। पीएम मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात से जेटली के परिवार से बात की। उन्होंने अरुण जेटली की पत्नी और बेटे से बात कर संवेदनाएं प्रकट कीं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दोनों ने पीएम मोदी से अपना विदेशी दौरा रद्द नहीं करने को कहा है। पीएम मोदी ने ट्वीट किया 'अरुण जेटली जी एक राजनीतिक दिग्गज थे, जो बौद्धिक और कानूनी रूप से जीवंत थे। वह एक मुखर नेता थे जिन्होंने भारत में स्थायी योगदान दिया। उनका निधन बहुत दुखद है। अपनी पत्नी संगीता जी के साथ-साथ बेटे रोहन से भी बात की और संवेदना व्यक्त की शांति।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का आज दोपहर 12.7 मिनट पर निधन हो गया। उन्हें 9 अगस्त को सांस लेने में तकलीफ होने की वजह से दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें पिछले 14 दिनों से लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा था। जेटली 66 वर्ष के थे। इसी हफ्ते भाजपा के बड़े नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का भी निधन हुआ।
लंबे समय से बीमार चल रहे हैं जेटली
जेटली कई स्वास्थ्य स्थितियों से पीड़ित हैं, जिनमें डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर शामिल हैं। अतिरिक्त वजन कम करने के लिए उन्होंने सितंबर 2014 में बेरिएट्रिक सर्जरी कराई। उन्होंने मई 2018 में एक किडनी ट्रांसप्लांट भी कराया था।
उनके बायें पैर में सॉफ्ट टिशू कैंसर हो गया है जिसकी सर्जरी के लिए जेटली इसी साल जनवरी में अमेरिका भी गए थे। वो सितंबर 2014 में डायबिटीज मैनेज के लिए गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी करा चुके हैं। इसके अलावा वो साल 2005 में हार्ट सर्जरी भी करा चुके हैं।
छात्र राजनीति से शुरुआत
अरुण जेटली का राजनीति करियर तो उनके छात्र रहते ही शुरू हो गया था। दरअसल, 1973 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने 'संपूर्ण क्रांति आंदोलन' शुरू किया। इस आंदोलन में विद्यार्थी और युवा संगठनों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। जयप्रकाश नारायण (जेपी) ने अधिक से अधिक छात्रों को आंदोलन से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय समिति बनाई। जेपी ने जेटली को इस राष्ट्रीय समिति का संयोजक बनाया। आपातकाल के वक्त 19 महीने रहे नजरबंद जेटली वर्ष 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष बने।
अटल कैबिनेट में भी निभाई अहम जिम्मेदारी
तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कैबिनेट में जेटली को सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में जिम्मेदारी सौंपी। इसके अलावा निर्गुण राज्य (स्वतंत्र प्रभार), विश्व व्यापार संगठन मंत्रालय की जिम्मेदारी भी जेटली को सौंपी गई। 23 जुलाई 2000 को राम जेठमलानी ने अटल कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी अटल ने जेटली को सौंपी।
मोदी कैबिनेट के अहम स्तंभ रहे
जेटली को राज्यसभा से सांसद बनाया गया और केंद्रीय मंत्रिमंडल में उनका पद सुरिक्षत हो गया। नोटबंदी और जीएसटी में निभाई अहम भूमिका मई 2014 में जेटली राज्यसभा में सदन के नेता बने। कुछ समय बाद प्रधानमंत्री मोदी ने गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को रक्षा मंत्री बना दिया और तबसे जेटली ने देश के वित्त मंत्री का पद संभाला था। नोटबंदी से लेकर जीएसटी लागू करने में जेटली की अहम भूमिका रही। ऐसा रहा कानूनी करियर कानूनी करियर की बात करें तो जेटली ने बतौर वकील खूब नाम कमाया।