लंबे समय से बीमार चल रहे पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली (66 वर्षीय) को आज( 16 अगस्त) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में देखने जायेंगे। अरुण जेटली की हालत पहले से ज्यादा बिगड़ गई है। अरुण जेटली पिछले एक हफ्ते से एम्स में आईसीयू में एडमिट हैं। एम्स में 9 अगस्त की रात को जेटली को भर्ती कराया गया था। उसी दिन रात में एम्स ने उनकी मेडिकल रिपोर्ट जारी की थी। जिसके बाद अधिकारिक तौर पर एम्स की ओर से अभी तक कुछ नहीं कहा गया है।
रात 9 बजे 9 अगस्त को एम्स ने जेटली का मेडिकल रिपोर्ट जारी कर बताया था कि अरुण जेटली इस समय कई डॉक्टरों की निगरानी में हैं। जेटली डॉक्टरों की निगरानी में आईसीयू में हैं। वर्तमान में उनकी तबीयत स्थिर है। 9 अगस्त को जेटली से मिलने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी AIIMS पहुंचे थे। इसके अलावा भी कई बीजेपी के नेता और विपक्ष के कई नेता भी जेटली को देखने गये थे।
डॉक्टरों की एक टीम जेटली की निगरानी कर रही है, जिसमें एंडोक्रिनोलॉजिस्ट्स, कार्डियोलॉजिस्ट्स और नेफ्रोलॉजिस्ट्स भी शामिल हैं।
पिछली सरकार में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली ने दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल होने से मना कर दिया था। उन्होंने पत्र में लिख कर कहा था कि उन्हें मंत्री बनाने पर विचार न करें। इसी साल मई में उपचार के लिए जेटली को एम्स में भर्ती कराया गया था।
पेशे से वकील जेटली ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत पहली राजग सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जेटली ने अपने स्वास्थ्य कारणों से 2019 लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा। पिछले वर्ष 14 मई को जेटली का किडनी प्रतिरोपण हुआ था। अप्रैल 2018 से ही उन्होंने कार्यालय आना बंद कर दिया था और 23 अगस्त, 2018 को वित्त मंत्रालय में लौटे।
अरुण जेटली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रमुख नेता एवं प्रसिद्ध अधिवक्ता हैं। वह भारत के पूर्व वित्त मंत्री, संचार मंत्री हैं। वह राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के शासन में केंद्रीय न्याय मंत्री के साथ-साथ कई बड़े पदों पर आसीन थे।