भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का निधन हो गया। जेटली लंबे समय से गम्भीर रूप से बीमार थे और उन्हें नौ अगस्त से ECMO और IABP सपोर्ट पर रखा गया था। शनिवार को जेटली ने दिल्ली स्थित AIIMS अस्पताल में दोपहर 12 बजकर 7 मिनट पर आखिरी सांस ली।
अरुण जेटली के पार्थिव शरीर को आज ही उनके ही निवास स्थान दिल्ली के 44 कैलाश कॉलोनी ले जाया जाएगा। रविवार को सुबह 10 बजे जेटली के पार्थिव शरीर पार्टी दफ्तर में लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद रविवार को ही दोपहर 2 बजे निगम बोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
ख़राब सेहत के कारण ही पूर्व वित्त मंत्री जेटली ने दूसरी नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने से मना कर दिया था। अरुण जेटली पहली नरेंद्र मोदी सरकार में वित्त मंत्री रहे थे। जेटली अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सूचना एवं व प्रसारण मंत्री रहे थे। जेटली के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने गहरा शोक व्यक्त किया है। जेटली के निधन पर क्रिकेट और बॉलीवुड जगत के प्रमुख हस्तियाँ भी शोक व्यक्त कर रही हैं।
लंबे समय से बीमार चल रहे हैं जेटलीजेटली कई स्वास्थ्य स्थितियों से पीड़ित हैं, जिनमें डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर शामिल हैं। अतिरिक्त वजन कम करने के लिए उन्होंने सितंबर 2014 में बेरिएट्रिक सर्जरी कराई। उन्होंने मई 2018 में एक किडनी ट्रांसप्लांट भी कराया था।
उनके बायें पैर में सॉफ्ट टिशू कैंसर हो गया है जिसकी सर्जरी के लिए जेटली इसी साल जनवरी में अमेरिका भी गए थे। वो सितंबर 2014 में डायबिटीज मैनेज के लिए गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी करा चुके हैं। इसके अलावा वो साल 2005 में हार्ट सर्जरी भी करा चुके हैं।
अटल कैबिनेट में भी निभाई अहम जिम्मेदारी
तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कैबिनेट में जेटली को सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में जिम्मेदारी सौंपी। इसके अलावा निर्गुण राज्य (स्वतंत्र प्रभार), विश्व व्यापार संगठन मंत्रालय की जिम्मेदारी भी जेटली को सौंपी गई। 23 जुलाई 2000 को राम जेठमलानी ने अटल कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी अटल ने जेटली को सौंपी।
राज्यसभा से शुरू हुआ संसद का सफर
वर्ष 2006 में जेटली पहली बार राज्यसभा सांसद बने। जून 2009 से वे राज्यसभा में विपक्ष के नेता बने। पार्टी में जेटली ने एक महत्वपूर्ण रणनीतिकार से लेकर कई बड़ी जिम्मेदारियां संभाली। 2014 लोकसभा चुनावों में उनको अमृतसर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया। हालांकि, जेटली यह चुनाव हार गए, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें अपने कैबिनेट में शामिल करना चाहते थे। मोदी कैबिनेट में मिले 2 बड़े मंत्रालय जेटली की मेहनत और लगन को देखते पीएम मोदी ने उन्हें केंद्रीय वित्त और रक्षा मंत्रालय की दो बड़ी जिम्मेदारियां दी।
मोदी कैबिनेट के अहम स्तंभ रहेजेटली को राज्यसभा से सांसद बनाया गया और केंद्रीय मंत्रिमंडल में उनका पद सुरिक्षत हो गया। नोटबंदी और जीएसटी में निभाई अहम भूमिका मई 2014 में जेटली राज्यसभा में सदन के नेता बने। कुछ समय बाद प्रधानमंत्री मोदी ने गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को रक्षा मंत्री बना दिया और तबसे जेटली ने देश के वित्त मंत्री का पद संभाला था। नोटबंदी से लेकर जीएसटी लागू करने में जेटली की अहम भूमिका रही। ऐसा रहा कानूनी करियर कानूनी करियर की बात करें तो जेटली ने बतौर वकील खूब नाम कमाया।