अनुच्छेद 370ः शाह ने कहा- हम अपने जवानों के खून की एक भी बूंद बेकार नहीं जाने देंगे, कश्मीर में 5 अगस्त से एक भी गोली नहीं चली
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 17, 2019 01:35 PM2019-09-17T13:35:36+5:302019-09-17T13:35:36+5:30
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार देश की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता बर्दाश्त नहीं करेगी और वह इस प्रकार के कृत्यों से दृढता से निपटने के लिए तैयार है। शाह ने कहा कि पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के बाद से वहां हालात शांतिपूर्ण हैं।
जम्मू-कश्मीर को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमला कर रहा है। लगातार उच्चतम न्यायालम में रिट दायर हो रहे हैं। देश के गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 5 अगस्त 2019 से 17 सितंबर तक, इस दौरान कश्मीर में एक भी गोली नहीं चलाई गई। कोई जान नहीं गई। कश्मीर पूर्ण शांति के माहौल के साथ खुला है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार देश की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता बर्दाश्त नहीं करेगी और वह इस प्रकार के कृत्यों से दृढता से निपटने के लिए तैयार है। शाह ने कहा कि पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के बाद से वहां हालात शांतिपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि तब से एक भी गोली नहीं चली है और न ही किसी की मौत हुई है। उन्होंने यहां अखिल भारतीय प्रबंधन संघ के समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं होगा। हम हमारी सुरक्षा के साथ एक इंच भी समझौता नहीं करेंगे।
हम इससे मजबूती से निपटेंगे। हम अपने जवानों के खून की एक भी बूंद बेकार नहीं जाने देंगे।’’ समग्र राष्ट्रीय सुरक्षा नीति नहीं अपनाने को लेकर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि देश की विदेश नीति सामरिक नीति पर भारी थी। उन्होंने कहा, ‘‘सर्जिकल हमले और हवाई हमले के बाद से दुनिया का नजरिया बदला है और भारत की ताकत को वैश्विक स्तर पर पहचाना जा रहा है।’’
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत के उच्चतम न्यायालय द्वारा केन्द्र और जम्मू-कश्मीर सरकारों को घाटी में जितनी जल्दी संभव हो हालात सामान्य करने का निर्देश दिए जाने को सही दिशा में एक कदम बताया।
Union Home Minister Amit Shah: From 5 Aug 2019 till 17 September, not even a single bullet has been fired in Kashmir during this time. No life has been lost. Kashmir is open with an atmosphere of absolute peace. pic.twitter.com/fA1xjMufl3
— ANI (@ANI) September 17, 2019
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से उन आरोपों पर एक रिपोर्ट मांगी है जिनमें कहा गया है कि लोगों को उच्च न्यायालय तक अपनी बात पहुंचाने में कठिनाई हो रही है। भारत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा, अगर लोग उच्च न्यायालय से अपनी बात नहीं कह पा रहे हैं तो ये “बहुत बहुत गंभीर” बात है। दो बाल अधिकार कार्यकर्ताओं के अधिवक्ता ने न्यायालय में आरोप लगाया कि लोगों को उच्च न्यायालय से अपनी बात कहने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रधान न्यायाधीश ने अधिवक्ता को चेतावनी दी कि अगर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की रिपोर्ट में विपरीत बात समाने आए तो उन्हें इसके “नतीजों” का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लगभग 230 आतंकवादियों के भारत में घुसपैठ के इंतजार की खबरों के बीच सोमवार को जम्मू कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि दो घंटे तक चली बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और मंत्रिमंडल सचिव राजीव गौबा तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
इस दौरान गृह मंत्री को जम्मू कश्मीर, खासकर अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर मौजूदा सुरक्षा स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। सुरक्षा मामलों से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्री ने स्थिति का जायजा लिया और उन्हें सीमावर्ती क्षेत्रों तथा कश्मीर घाटी में शांति सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी गई।
यह बैठक ऐसे समय हुई है जब खबरें हैं कि भारत में घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लगभग 230 आतंकवादियों को लॉंच पैड पर लाया गया है। कश्मीर घाटी की सुरक्षा स्थिति देखने वाली 15वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने हाल में कहा था कि सीमा पार से घुसपैठ के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा था, ‘‘पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लॉंच पैड आतंकवादियों से भरे हैं, लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद, हिज्बुल और अल बद्र जैसी तंजीमों के आतंकी अकसर पाकिस्तानी चौकियों में आते रहते हैं। हर रोज, गोलीबारी हो रही है।’’
अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के पांच अगस्त के केंद्र के फैसले के बाद कश्मीर घाटी में सोमवार को लगातार 43वें दिन भी जनजीवन प्रभावित रहा। अधिकतर दुकानें बंद रहीं और सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद रहे। इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित रहीं। समूची घाटी में, हालांकि लैंडलाइन फोन सेवा चालू है, लेकिन मोबाइल सेवा उत्तरी कश्मीर के केवल कुपवाड़ा और हंदवाड़ा जिलों में ही काम कर रही है। स्थिति के बारे में एक अन्य अधिकारी ने कहा कि घाटी के अधिकतर क्षेत्र प्रतिबंध मुक्त हैं, लेकिन कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए जमीन पर सुरक्षाबलों की तैनाती बनी हुई है।