सेना के कमांडर ने आतंकी समूहों से जुड़े युवाओं के परिवारों से की भेंट, मनाने के लिए कहा
By भाषा | Published: August 31, 2021 08:37 PM2021-08-31T20:37:02+5:302021-08-31T20:37:02+5:30
कश्मीर घाटी में सेना के शीर्ष कमांडर ने मंगलवार को लगभग 80 ऐसे परिवारों के सदस्यों से मुलाकात की, जिनके बच्चे जम्मू कश्मीर में विभिन्न आतंकवादी समूहों में शामिल हो गए हैं और उनसे अपने बच्चों को हर संभव तरीके से वापस लाने का आग्रह किया। श्रीनगर स्थित चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल डी पी पांडे ने दक्षिण कश्मीर के इस अत्यधिक अशांत जिले के एक स्टेडियम में आयोजित एक समारोह में उपस्थित लोगों से कहा, ‘‘मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप अपने बच्चों को आतंकवाद के दलदल से बाहर निकालें। मैं इसे आप पर छोड़ता हूं कि आप उन्हें कैसे निकालते हैं किंतु कृपया ऐसा करें।’’ यह पहली बार है जब घाटी के सबसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने उन परिवारों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की है जिनके बच्चों ने बंदूकें उठाई हैं। पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर रेंज) विजय कुमार ने कहा, ‘‘पुलिस और सुरक्षा बल पिछले साल से मुठभेड़ों के दौरान (स्थानीय आतंकवादियों को) आत्मसमर्पण करने के अवसर प्रदान कर रहे हैं। परिवारों से अनुरोध है कि वे अपने बच्चों (नए भर्ती किए गए आतंकवादियों) को मनाएं, उनसे वापस लौटने को कहें।’’ सेना के कमांडर ने परिवारों को आम जनता के बीच घूमने वाले ‘‘सफेदपोश’’ आतंकवादियों के खिलाफ आगाह किया और कहा, ‘‘इन सफेदपोश आतंकवादियों के बच्चे देश के बाकी हिस्सों में आनंद ले रहे हैं और पढ़ रहे हैं, आपके बच्चे इन लोगों के निशाने पर हैं। उनसे सावधान रहें।’’ लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने ‘जश्न-ए-जनूब’ कार्यक्रम में कहा, ‘‘मैं आपके पास आया हूं और मैं यह बताना चाहता हूं कि जब एक युवा बंदूक उठाता है तो दो पहलू होते हैं। पहला यह हो सकता है कि वह लड़कियों को प्रभावित करना चाहता है अथवा ड्रग्स के लिए या शिक्षा में अच्छा नहीं है या भले ही वह शिक्षा में अच्छा है लेकिन उसे बंदूकों का शौक हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दूसरा और खतरनाक पहलू वह है, जिसे मैं सफेदपोश आतंकवादी कहता हूं। वह हममें से एक है जिसके बच्चे सिर्फ यह सुनिश्चित करने के लिए पढ़ रहे हैं या नौकरी कर रहे हैं कि वो बंदूक की संस्कृति में न फंसें। हालांकि, यह सफेदपोश आतंकवादी सुनिश्चित करता है कि अन्य परिवारों के बच्चे बंदूक उठाएं।’’ उन्होंने उपस्थित परिवारों से कहा, ‘‘मैंने आप सभी के साथ आमने-सामने बैठक करने का अनुरोध किया था कि आप अपने बच्चों को आतंकवादी समूहों से बाहर निकालने की अपील करें। मैं आपको बता दूं कि ऑपरेशन के दौरान भी अगर कोई लड़का समर्पण करने के लिए तैयार होता है तो मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि सेना आपके बच्चे को वापस लाने के लिए हर संभव कोशिश करेगी।’’ कार्यक्रम में विक्टर फोर्स के जीओसी मेजर जनरल राशिम बाली और 44-राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल ए के सिंह भी शामिल थे। बाद में दक्षिण कश्मीर के विभिन्न जिलों के युवाओं के लिए ‘‘ट्रैक एंड फील्ड’’ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें पुलवामा की टुकड़ी विजेता बनकर उभरी। लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने विजेताओं को पुरस्कार सौंपे।
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