लद्दाख सीमा विवाद: भारत-चीन तनाव के बीच आज लेह का दौरा करेंगे सेना प्रमुख एमएम नरवणे
By निखिल वर्मा | Published: June 23, 2020 06:09 AM2020-06-23T06:09:38+5:302020-06-23T06:20:23+5:30
गलवान घाटी में 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ हुए हिंसक संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे। दोनों देशों के बीच 45 साल के बाद यह सबसे बड़ी झड़प थी।
भारतीय और चीनी सैनिकों को बीच गलवान घाटी हुई खूनी झड़प के बाद आज सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे लेह का दौरा करेंगे। इस दौरान सेना प्रमुख 14वीं कोर के सैन्य अफसरों के साथ हालात का जायजा लेंगे। इससे पहले सोमवार को सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में चीन के साथ लगती एलएसी के किनारे भारत की सुरक्षा तैयारियों की व्यापक समीक्षा की।
Army Chief General Manoj Mukund Naravane (file pic) to visit Leh today after the Army Commanders’ Conference gets over. He will review the on-ground situation with the 14 Corps officials and the progress in talks with the Chinese military. pic.twitter.com/MsOxqlB9HA
— ANI (@ANI) June 22, 2020
11 घंटे चली भारत और चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता
भारत और चीनी सेना के बीच पिछले हफ्ते गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव कम करने के उद्देश्य से सोमवार को दोनों देशों की सेनाओं के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की दूसरे दौर की वार्ता हुई। यह बैठक करीब 11 घंटे चली। गलवान घाटी में 15 जून की रात में हुई हिंसक झड़प में एक कर्नल सहित 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।
पूर्वी लद्दाख में चुशुल सेक्टर के चीनी हिस्से में स्थित मोल्दो में सोमवार सुबह करीब 11:30 बजे बैठक शुरू हुई और रात तक जारी रही। इस घटनाक्रम से जुड़े लोगों ने बताया कि वार्ता में पूर्वी लद्दाख से सैनिकों के हटाने के लिए तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
खूनी झड़प में चीनी कमांडिंग ऑफिसर की भी मौत
गलवान में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की तरफ चीन द्वारा निगरानी चौकी बनाए जाने का विरोध करने पर चीनी सैनिकों ने पत्थरों, कील लगे डंडों, लोहे की छड़ों आदि से भारतीय सैनिकों पर हमला किया था। हालांकि चीन ने झड़प में हताहत हुए अपने सैनिकों का आंकड़ा नहीं बताया है, लेकिन ऐसी खबरें हैं कि चीनी सेना के एक कमांडिंग अधिकारी समेत कई सैनिक झड़प में मारे गए हैं। इसके बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
गलवान में हुई घटना के बाद सरकार ने चीन के साथ लगने वाली 3500 किलोमीटर की सीमा पर चीन के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिये सशस्त्र बलों को “पूरी छूट” दे दी है। दुर्लभ परिस्थितियों में सेना को हथियार इस्तेमाल करने की इजाजत दी गई है।
चीन के साथ लगी सीमा पर भारतीय सेना मुस्तैद
सेना ने बीते एक हफ्ते में सीमा से लगे अग्रिम ठिकानों पर हजारों अतिरिक्त जवानों को भेजा है। वायुसेना ने भी झड़प के बाद श्रीनगर और लेह समेत अपने कई अहम ठिकानों पर सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर, मिराज 2000 लड़ाकू विमानों के साथ ही अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की तैनाती की है। झड़प के बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव कम करने के लिये कम से कम तीन बार मेजर जनरल स्तर पर बातचीत हो चुकी है।