VIDEO: चंद मिंटों में नदी पर सेना ने बना दिया 46 मीटर पूल, इस तकनीक से DRDO ने किया निर्माण
By आकाश चौरसिया | Published: February 27, 2024 12:31 PM2024-02-27T12:31:07+5:302024-02-27T13:27:50+5:30
सेना ने इसको कुछ मिनटों में ब्रिज बनाकर नया कीर्तिमान रच दिया है। इस 46 मीटर मॉड्यूलर ब्रिज का डिजाइन और विकास डीआरडीओ ने किया है, जबकि लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) द्वारा निर्मित बना दिया गया है।
![Army built 46 meter pool on the river in a few minutes DRDO make Bridging system | VIDEO: चंद मिंटों में नदी पर सेना ने बना दिया 46 मीटर पूल, इस तकनीक से DRDO ने किया निर्माण Army built 46 meter pool on the river in a few minutes DRDO make Bridging system | VIDEO: चंद मिंटों में नदी पर सेना ने बना दिया 46 मीटर पूल, इस तकनीक से DRDO ने किया निर्माण](https://d3pc1xvrcw35tl.cloudfront.net/sm/images/420x315/modu_202402286741.jpg)
फोटो क्रेडिट- (एक्स)
नई दिल्ली: भारतीय सेना ने आज 46 मीटर लंबा मॉड्यूलर ब्रिज नदी पर बनाकर नया कीर्तिमान रच दिया है। सेना ने इसको कुछ मिनटों में बेहतर तकनीक के जरिए बनाया। इस 46 मीटर मॉड्यूलर ब्रिज (एमएलसी-70 ) का डिजाइन और विकास डीआरडीओ ने किया है, जबकि लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) द्वारा निर्मित बना दिया गया है। ब्रिजिंग सिस्टम को औपचारिक रूप से मानेकशॉ सेंटर, नई दिल्ली में एक समारोह में डीआरडीओ को सेना को सौंपा था। कार्यक्रम में उस वक्त थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे भी उपस्थित थे।
डीआरडीओ द्वारा ब्रिजिंग सिस्टम के सेना कौ सौंपने के दौरान थल सेनाध्यक्ष तो मौजूद थे ही, साथ में डीआरडीओ और रक्षा मंत्रालय से जुड़े कई वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य व्यक्तियों भी इस आयोजन का हिस्सा थे।
#WATCH | Today, the Indian Army bolstered its bridging capability with the induction of the 46-meter Modular Bridge. Designed and developed by DRDO and produced by Larsen & Toubro (L&T), the bridging system was formally handed over in a ceremony at the Manekshaw Centre, New… pic.twitter.com/LIUsGu0KOW
— ANI (@ANI) February 27, 2024
रक्षा मंत्रालय ने इसके लिए करीब 2585 करोड़ रुपए के सौदे की मंजूरी फरवरी में ही कर दी थी। इस डील के तहत मॉड्यूलर ब्रिज के 41 सेट बनाए जाने हैं। इस विधि से ब्रिज बनने से सेना की सीमा पर मूवमेंट में जबरदस्त इजाफा हो जाएगा। इसका सीधा असर पश्चिमी सीमा पर चुनौतीपूर्ण भौगोलिक स्थिति में दिखेगा, क्योंकि सेना की गतिविधियां कार्य को जल्द अंजाम देने में सफल रहेगी।
मॉड्यूलर ब्रिज का हर सेट करीब 46 मीटर लंबा मैकेनिकल ब्रिज बनाने में सक्षम है। ये ब्रिज सेना के मैनुअल लॉन्च मीडिया गिरडर ब्रिज की जगह लेंगे। इस तकनीक से कम समय में बेहतर तरीके से सेना किसी भी संकरी जगह पर पूल का निर्माण करने पर सफल हो जाएगी। अब ये मॉड्यूलर ब्रिज के सेना में शामिल होने से उनकी क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।