बटला हाउस में पुलिस निरीक्षक शर्मा की हत्या के मामले में आरिज ने मौत की सजा को चुनौती दी

By भाषा | Updated: July 24, 2021 19:29 IST2021-07-24T19:29:14+5:302021-07-24T19:29:14+5:30

Ariz challenges death sentence in Batla House murder case of police inspector Sharma | बटला हाउस में पुलिस निरीक्षक शर्मा की हत्या के मामले में आरिज ने मौत की सजा को चुनौती दी

बटला हाउस में पुलिस निरीक्षक शर्मा की हत्या के मामले में आरिज ने मौत की सजा को चुनौती दी

नयी दिल्ली, 24 जुलाई बटला हाउस मुठभेड़ के दौरान दिल्ली पुलिस के निरीक्षक मोहन चंद शर्मा की हत्या होने के मामले में दोषी आरिज खान ने अपनी दोषिसिद्धि और मौत की सजा को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।

खान ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील दायर की है जिसमें कहा गया था कि अपराध ‘‘दुर्लभ में भी दुर्लभतम श्रेणी’’ में आता है जिसमें अधिकतम सजा के तहत आरिज को मृत्यु होने तक ‘‘फांसी के फंदे पर लटकाकर’’ रखा जाए।

दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ से जुड़े शर्मा 2008 में दक्षिणी दिल्ली के जामिया नगर स्थित बटला हाउस में पुलिस और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। यह मुठभेड़ राष्ट्रीय राजधानी में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों की जांच के क्रम में हुई थी। इन विस्फोटों में 39 लोग मारे गए थे और 159 अन्य घायल हुए थे।

आरिज ने वकील एम एस खान और कौसर खान के माध्यम से अपील दायर की है।

निचली अदालत ने गत आठ मार्च को आरिज को यह कहते हुए दोषी ठहराया था कि यह विधिवत साबित हुआ है कि आरिज और उसके साथियों ने पुलिस अधिकारी की हत्या की और उनपर गोलीबारी की।

अदालत ने गत 15 मार्च को आरिज को मौत की सजा सुनाई थी और उसपर 11 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। इसने स्पष्ट किया था कि जुर्माने की राशि में से 10 लाख रुपये तत्काल शर्मा के परिजनों को दिए जाने चाहिए।

निचली अदालत ने बिना किसी उकसावे के पुलिस पर गोलीबारी के आरिज के कृत्य को ‘‘घृणित और बर्बर’’ करार दिया था तथा कहा था कि इससे स्वयं ही साबित होता है कि वह न सिर्फ समाज के लिए खतरा है, बल्कि राष्ट्र का शत्रु भी है।

इसने कहा था कि आरिज के जघन्य कृत्य से उसका जीवन का अधिकार खत्म हो गया है और अपराध से साबित हुआ है कि उसका कृत्य कोई साधारण नहीं, बल्कि यह राष्ट्र के खिलाफ किया गया कृत्य था।

अदालत ने कहा था कि दोषी ने ‘‘खूंखार और अच्छी तरह प्रशिक्षित आतंकवादी’’ की तरह कृत्य को अंजाम दिया और वह किसी दया का पात्र नहीं है।

मामले में एक निचली अदालत ने 2013 में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी शहजाद अहमद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। फैसले के खिलाफ उसकी अपील उच्च न्यायालय में लंबित है।

आरिज खान मुठभेड़ स्थल से भाग गया था और उसे भगोड़ा घोषित किया गया था। उसे 14 फरवरी 2018 को गिरफ्तार किया गया था।

अदालत ने कहा था कि यह साबित हुआ है कि मुठभेड़ के बाद आरिज भागने में सफल रहा और जांच एजेंसियों को लगभग 10 साल तक चकमा देता रहा।

इसने कहा था, ‘‘दोषी दिल्ली में ही नहीं, बल्कि जयपुर, अहमदाबाद और उत्तर प्रदेश में भी बम विस्फोटों में शामिल था जिनमें सैकड़ों निर्दोष लोग मारे गए और घायल हुए जिससे पता चलता है कि दोषी समाज और राष्ट्र के लिए लगातार खतरा बना हुआ है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Ariz challenges death sentence in Batla House murder case of police inspector Sharma

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे