फोन टैपिंग को लेकर राजस्थान में घमासान, भाजपा ने मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधा

By भाषा | Updated: March 16, 2021 01:33 IST2021-03-16T01:33:01+5:302021-03-16T01:33:01+5:30

Argument in Rajasthan over phone tapping, BJP targeted Chief Minister Gehlot | फोन टैपिंग को लेकर राजस्थान में घमासान, भाजपा ने मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधा

फोन टैपिंग को लेकर राजस्थान में घमासान, भाजपा ने मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधा

जयपुर, 15 मार्च राजस्थान में फोन टैपिंग के आरोपों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। पार्टी ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की और कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पद से इस्तीफा देना चाहिए। हालांकि राज्य सरकार का कहना है कि राज्य के किसी विधायक या मंत्री का फोन टैप नहीं किया गया।

दरअसल सरकार पर ये आरोप इस बारे में विधानसभा में एक तारांकित प्रश्न के उत्तर में दी गयी जानकारी के बाद लगाए जा रहे हैं। हालांकि न तो इस प्रश्न और न ही इसके उत्तर में कहीं जिक्र है कि किसके फोन टैप किए गए।

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह इतना संगीन मामला हो गया कि सदन में झूठ बोला गया व तथ्यों से छेड़छाड़ हुई। मुख्यमंत्री इसके दोषी हैं जो गृहमंत्री भी हैं। कहीं न कहीं ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री की नीयत में खोट है और वह असुरक्षित महसूस करते हैं ... उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए और इस प्रकरण की सीबीआई से जांच होनी चहिए।'’

पूनियां ने कहा कि सीबीआई जांच होने पर सारी जानकारी सामने आ जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल सचिन पायलट व 18 अन्य कांग्रेस विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावती तेवर अपनाए जाने के बाद कांग्रेस ने अपने विधायकों को लंबे समय तक अलग-अलग होटलों में रखा था। इसी घटनाक्रम में विधायकों सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के फोन टैप किए जाने के आरोप लगे थे। हालांकि अधिकारियों व मुख्यमंत्री गहलोत ने खुद इसका खंडन किया।

वहीं, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी इस मामले को लेकर हमलावर नजर आए और उन्होंने इस बारे में कई ट्वीट किए।

उन्होंने लिखा, ‘‘भाजपा ने पिछले साल जुलाई में यही कहा था - राजस्थान में आपातकाल चल रहा है। गहलोत सरकार ने उस समय इनकार किया था, और अब स्वीकार कर रही है कि फोन टैप किए गए। यह निजता का हनन है, लोकतंत्र की हत्या है!’’

शेखावत के अनुसार, ‘'जनता की ओर से भी एक प्रश्न है - कांग्रेस पार्टी की अंदरुनी बगावत रोकने के लिए सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कर फोन टैपिंग क्यों की गई? कांग्रेस सरकार ने प्रशासन का इस्तेमाल अपने हित में क्यों किया? ये ‘अवैध’ प्रक्रिया है! लोकतंत्र की हत्या है!'’

गौरतलब कि उक्त राजनीतिक घटनाक्रम में गहलोत ने राज्य के कुछ केंद्रीय नेताओं पर उनकी सरकार को अस्थिर करने के षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप लगाया था। इस दौरान एक ऑडियो टेप भी जारी किया गया था जिसमें कथित तौर पर गजेंद्र सिंह व कांग्रेस के एक विधायक की बातचीत थी और इसमें ऐसा लग रहा था कि गहलोत सरकार की अस्थिरता को लेकर बात हो रही है।

भाजपा विधायक कालीचरण सर्राफ ने उसी घटनाक्रम के दौरान पिछले साल अगस्त में आहूत विधानसभा सत्र में एक तारांकित सवाल किया था।

उन्होंने सवाल में पूछा था, ‘'क्या यह सही है कि विगत दिवसों में फोन टैप किए जाने के प्रकरण सामने आए हैं ? यदि हां तो किस कानून के अंतर्गत एवं किसके आदेश पर ? पूर्ण विवरण सदन की मेज पर रखें।'’

जिसका जवाब अब राज्य विधानसभा की वेबसाइट पर प्रकाशित हुआ। इसके अनुसार, '‘लोक सुरक्षा या लोक व्‍यवस्‍था के हित में या किसी ऐसे अपराध को प्रोत्‍साहित होने से रोकने के लिए जिससे लोक सुरक्षा या लोक व्‍यवस्‍था को खतरा हो, टेलीफोन अन्‍तावरोध (इंटरसेप्ट) भारतीय तार अधिनियम 1885 की धारा 5(2) भारतीय तार अधिनियम (संशोधित) नियम 2007 के नियम 419ए व सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69 में वर्णित प्रावधान के अनुसार सक्षम अधिकारी की स्‍वीकृति उपरान्‍त किया जाता है।'’

जवाब के एक खंड के अनुसार , ‘'राजस्‍थान पुलिस द्वारा उपरोक्‍त प्रावधानों के अंतर्गत टेलीफोन अन्‍तावरोध (इंटरसेप्ट) सक्षम अधिकारी से अनुमति प्राप्‍त करने के उपरान्‍त ही किए गए हैं।’’

वहीं, सरकार की ओर से मुख्य सचेतक महेश जोशी ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि किसी भी विधायक या सांसद का फोन टैप नहीं किया गया।

जोशी ने कहा, ‘‘सरकार ने सवाल के जवाब में कहा है कि कानून के तहत फोन इंटरसेप्ट करने की एक प्रक्रिया है। सक्षम प्राधिकार से अनुमति लेने के बाद ही फोन इंटरसेप्ट किया जाता है। राजस्थान सरकार ने किसी विधायक या मंत्री का फोन टैप नहीं किया।’’

शेखावत के आरोपों पर पलटवार करते हुए जोशी ने कहा, ‘‘अगर गजेंद्र सिंह शेखावत फोन टैपिंग को लेकर इतने आश्वस्त हैं तो वे अपनी आवाज के सैंपल क्यों नहीं देते। इससे साफ हो जाएगा कि फोन टैप हुए थे या नहीं।

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Web Title: Argument in Rajasthan over phone tapping, BJP targeted Chief Minister Gehlot

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