हिन्दी विरोधी कैंपेन में कूदे एआर रहमान, तस्वीर शेयर करके गरमाया माहौल, अमित शाह के बयान के बाद भड़के तमिल हिन्दी-विरोधी
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 9, 2022 05:55 PM2022-04-09T17:55:48+5:302022-04-09T18:03:13+5:30
तमिल और हिन्दी फिल्मों के मशहूर संगीतकार एआर रहमान पहले भी हिन्दी विरोधी बयान सोशलमीडिया पर पोस्ट कर चुके हैं। ताजा विवाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के राजभाषा समिति की बैठक में दिये बयान के बाद शुरू हुआ है।
चेन्नई: ऑस्कर विजेता संगीतकार एआर रहमान ने शुक्रवार को 'प्रिय तमिल' लिखते हुए 'माँ तमिल माता' का चित्र ट्वीट करके केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के ताजा बयान के बाद शुरू हुए हिन्दी विरोधी अभियान में एंट्री कर ली है।
एआर रहमान ने 'माँ तमिल' लिखकर देवी का चित्र शेयर किया है। इण्डियन एक्सप्रेस के अनुसार एआर रहमान ने जो चित्र (माँ तमिल) शेयर किया है वह एमएस पिल्लई द्वारा लिखित तमिल राज गीत 'तमिल थाई वाजाथू' का एक पद है।
— A.R.Rahman (@arrahman) April 8, 2022
रहमान ने जिस 'प्रिय तमिल' शब्द का प्रयोग किया है वह भी तमिल कवि भारतीदासन के कविता संग्रह 'तमिलियाक्कम' में प्रयुक्त हुआ है। इस कविता में कहा गया है, "प्रिय तमिल हमारी अस्तित्व का आधार है।"
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को राजभाषा समिति आयोग की 37वीं बैठक में कहा था कि भारत के सभी राज्यों के लोगों को आपस में बातचीत करते समय अंग्रेजी के बजाय भारतीय भाषा का प्रयोग करना चाहिए। अमित शाह ने बताया था कि नरेंद्र मोदी सरकार अपना 70 प्रतिशत मसौदा अब हिन्दी में तैयार करने लगी है।
शाह ने सूचित किया था कि पूर्वोत्तर के राज्यों ने दसवीं तक हिन्दी को एक विषय के रूप में पढ़ाने की तैयारी कर ली है। शाह ने यह भी बताया था कि पूर्वोत्तर की कई भाषाओं देवनागरी को लिपि के तौर पर अपनाने जा रही हैं।
अमित शाह के इस बयान के बाद तमिलनाडु के कुछ नेता विरोध जता रहे हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि भाजपा लगातार भारत की बहुलतावादी संस्कृति पर चोट कर रही है और शाह का बयान भारत की एकता पर नष्ट करने वाला है।
एआर रहमान इससे पहले भी भाषा विवाद में पड़ चुके हैं। जून 2019 में जब सभी राज्यों के लिए त्रिभाषा सूत्र लागू करने की बात चली तो रहमान ने ट्वीट किया था - 'स्वायत्तता' और शब्दकोश से उसका अर्थ भी लगाया था। जब तमिलनाडु सरकार ने राज्य में द्वीभाषा सूत्र लागू किया तब भी रहमान ने ट्वीट किया था कि 'अच्छा फैसला, तमिलनाडु में हिन्दी जरूरी नहीं है।'
तमिलनाडु में इस समय डीएमके सत्ता मे है जिसके उभार में हिन्दी-विरोध आन्दोलन की बड़ी भूमिका रही है। डीएमके तमिल स्कूलों में अंग्रेजी और तमिल में शिक्षा देने की हिमायती रही है और हिन्दी को विषय के रूप में पढ़ाने का विरोध करती रही है। हालांकि हाल ही में एमके स्टालिन ने अपने वीडियो के हिन्दी अनुवाद जारी करने शुरू किये हैं।