2019 में एक हुआ विपक्ष तो बदलेंगे 11 प्रदेशों के समीकरण, BJP के सामने कांग्रेस खड़ी करेगी 14 पार्टियां
By खबरीलाल जनार्दन | Published: May 22, 2018 07:52 AM2018-05-22T07:52:04+5:302018-05-22T13:56:40+5:30
कर्नाटक में जेडीएस के साथ मिलकर 55 घंटे में बीजेपी सरकार गिराने के बाद महागबंधन को एक बार फिर से हवा दे दी है।
नई दिल्ली, 22 मईः कर्नाटक में चुनाव परिणाम बाद हुए घटनाक्रम ने एक बार फिर से एकजुट विपक्ष को हवा दे दी है। कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार गिरते ही जिस तरह से आधे घंटे के भीतर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के पूरे विपक्ष को आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पूरा विपक्ष मिलकर बीजेपी-नरेंद्र मोदी-अमित शाह और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को 2019 के लोकसभा चुनाव में शिकस्त देगा।
इससे पहले मार्च महीन में सोनिया गांधी ने पूरे विपक्ष के प्रमुख नेताओं को डिनर कराया था। इसे सोनिया डिनर डिप्लोमेसी नाम दिया गया था। इसका आशय है कि डिनर के बहाने राजनैतिक चर्चा हुई। बाकयदे इस दौरान मीडिया को बुलाकर तस्वीरें भी खिंचवाई गई थीं। इस पूरे प्रक्रम कांग्रेस आगे बढ़कर साल 2019 के लिए विपक्ष को जुटाने में जुटी है।
सोनिया गांधी ने कांग्रेस के हालिया महाधिवेशन, टीवी के कार्यक्रम व जब 28 महीने में चुनाव प्रचार में उतरी तब भी वे एकजुट विपक्ष की वकालत करते नजर आईं। वह अपनी हर सार्वजनिक बहसों में यह कहना नहीं भूलतीं कि बीजेपी को हर हाल में साल 2019 में सत्ता से बाहर करना है और इसके लिए विपक्ष की एकजुटता जरूरी है। लेकिन ऐसा होता है तो क्या समीकरण बनेंगे? (जरूर पढ़ेंः हम पर हॉर्स-ट्रेडिंग का आरोप लगाते हैं, कांग्रेस ने पूरा अस्तबल बेच खाया हैः अमित शाह)
भारत एक संघीय व्यवस्था वाला देश है। भारत की सभी 545 सीटें, भारत के 29 प्रदेशों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों में बंटी हुई हैं। ऐसे में अगर विपक्ष एकजुट होता है तो इसका प्रमुख प्रभाव 11 राज्यों पर पड़ेगा।
राज्य | लोकसभा सीटें | संभावित गठबंधन |
जम्मू-कश्मीर | 6 सीटें | नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस |
हरियाणा | 10 सीटें | इंडियन नेशनल लोकदल और कांग्रेस |
यूपी | 80 सीटें | कांग्रेस, बसपा और सपा |
झारखंड | 14 सीटें | कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा |
बिहार | 40 सीटें | कांग्रेस और राजद |
पश्चिम बंगाल | 42 सीटें | टीएमसी व कांग्रेस |
आंध्र पंद्रश | 25 सीटें | टीडीपी औ कांग्रेस |
तेलंगाना | 17 सीटे | टीआरएस व कांग्रेस |
महाराष्ट्र | 48 सीटें | कांग्रेस-एनसीपी |
कर्नाटक | 28 सीटें | जेडीएस-कांग्रेस |
तमिलनाडु | 39 सौदेबाजी | डीएमके और कांग्रेस |
जम्मू-कश्मीर का महागबंधन
यहां 6 लोकसभा सीटें हैं। हालिया दिनों में कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और बीजेपी के रिश्ते में खटास की खबरें तैरी थीं। हालांकि फिलहाल यह गठबंधन चल रहा है। लेकिन अगर 2019 से पहले यह गठबंधन टूटता है तो बीजेपी को कश्मीर में यह करारा झटका साबित हो सकता है। फिलवक्त नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन हो सकता है।
हरियाणा का महागबंधन
इस प्रदेश में कुल 10 लोकसभा सीटें हैं। पंजाब में जीत के बाद कांग्रेस के हौसले अब हरियाणा को लेकर भी बुलंद हैं। डेरा सच्चा सौदा के समर्थक भी इन दिनों बीजेपी से नाराज हैं। ऐसे में यहां इंडियन नेशनल लोकदल और कांग्रेस एकजुट हो सकते हैं। (जरूर पढ़ेंः कांग्रेस का अमित शाह पर पलटवार, आनंद शर्मा बोले- खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे)
यूपी का महागबंधन
विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन को यूपी में करारा झटका लगा था। लेकिन सपा ने बहुजन समाज पार्टी के साथ मिलकर गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनावों में बीजेपी को हराकर महौल बना दिया था। क्योंकि एक योगी आदित्यनाथ की सीट थी तो दूसरी केशव प्रसाद मौर्य की। ऐसे में 80 लोकसभा सीटों वाले इस प्रदेश में अगर कांग्रेस, बसपा और सपा गठबंधन करती हैं तो बीजेपी के बड़ी मुश्किल सामना भी करना पड़ सकता है। दूसरी ओर मोदी सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर भी बीजेपी से नाराज बताए जा रहे हैं, उनकी पार्टी सुहेलदेव भारत समाज पार्टी ने पिछली बार यूपी की चार लोकसभा सीटे जीतीं थीं।
झारखंड का महागबंधन
यहां कांग्रेस सीधे तौर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा को आगे कर सकती है। शिबू सोरेन क्षेत्र के बने नेता के तौर पर उभरे हैं। ऐसे में 14 लोकसभा सीटों वाले इस प्रदेश में गठबंधन बहुत मायने रखेगा और कांग्रेस इसके लिए अभी से तैयारी बना चुकी है।
बिहार का महागठबंधन
अगर बीजेपी के खिलाफ कोई महागठबंधन जैसी चीज साल 2019 के चुनाव के वक्त आई तो उसमें कांग्रेस के बाद दूसरी सबसे बड़ी भूमिका राष्ट्रीय जनता दल की होगी। तेजस्वी लगातार राहुल के समर्थन में खड़े हो रहे हैं। राज्य में दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन पहले से ही है। राहुल, लालू से अस्पताल में भी मिले थे। ऐसे में बिहार में जनता दल यूनाइटेड और बीजेपी से बेहद दिलचस्प मुकाबला कांग्रेस और राजद होगा। (जरूर पढ़ेंः VVPAT मशीन के 8 डिब्बे मिले, येदियुरप्पा ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र, कहा- स्वच्छ चुनाव के दावे का सच आ गया सामने)
पश्चिम बंगाल का महागठबंधन
यहां 42 लोकसभा सीटें हैं। और खास बात यह कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की नजर इस खास प्रदेश पर टिकी हुई है। वे पश्चिम बंगाल से अपनी कई क्षतिपूर्ति वाली सीटों के लिए नजर गए हुए हैं। लेकिन वहां बीजेपी को रोकने के लिए प्रदेश में अपनी धाक रखने वाली ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस हाथ मिला सकती है कांग्रेस से।
आंध्र प्रदेश का महागबंधन
हाल ही में तेलगू देशम पार्टी ने बीजेपी से नाता तोड़ा था। इसका सीधा असर बीजेपी पर है। यहां की 25 लोकसभा सीटों वाली खबरें चल रही हैं। कांग्रेस के साथ दे सकती है सोनम
तेलंगाना का महागबंधन
तेलंगना में कुल 17 लोकसभा सीटें हैं। चुनाव पूर्व ही यहां की सबसे पड़ी पार्टी तेलंगना राष्ट्र समिति (टीआरएस) कई जगहों पर कांग्रेस और बीजेपी के बाद एक थर्डफ्रंड बनाने की कोशिश की। अगर ऐसा नहीं होता है तो वे कांग्रेस के साथ आ सकते हैं। (जरूर पढ़ेंः कठुआ गैंगरेपः मंत्री पद छोड़ने वाले BJP नेता ने निकाला मार्च, समर्थकों के साथ नंगे पांव 35 किलोमीटर चले पैदल)
महाराष्ट्र का गठबंधन
बीजेपी के लिहाज से महाराष्ट्र उनका एक बेहद अनोखा राज्य है। यहां से बीजेपी को कई उम्मीदें हैं। यहां कुल 48 लोकसभा सीटें हैं। ऐसे में कांग्रेस-एनसीपी एक साथर आ गए होते। लेकिन खास बात यह है कि 2019 में भाजपा के खिलाफ शिवसेना भी कांग्रेस के साथ जा सकती है।
कर्नाटक का महागंधन
पूरे विपक्ष की एकता में बहुत बड़ी भूमिका फिलहाल जनता दल सेक्यूलर और कांग्रेस निभा सकते हैं। जैसा कि फिलहाल विधानसभा चुनाव में फिलवक्त चल रहा है। यहां 28 लोकसभा सीटें हैं।
तमिलनाडु का महागबंधन
तमिलनाडु की 39 लोकसभा सीटों में कांग्रेस-डीएमके एक साथ वक्त गुजार चुके हैं। इनका सामना एआईएडीएमके-भाजपा से होगा।
लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर के सब्सक्राइब करें