शीर्ष अदालत का उच्च न्यायालय से दो दोषियों की अपील पर चार महीने के भीतर फैसला करने का आग्रह

By भाषा | Published: July 27, 2021 04:58 PM2021-07-27T16:58:46+5:302021-07-27T16:58:46+5:30

Apex court urges High Court to decide on appeal of two convicts within four months | शीर्ष अदालत का उच्च न्यायालय से दो दोषियों की अपील पर चार महीने के भीतर फैसला करने का आग्रह

शीर्ष अदालत का उच्च न्यायालय से दो दोषियों की अपील पर चार महीने के भीतर फैसला करने का आग्रह

नयी दिल्ली, 27 जुलाई लंबे समय से जेल में बंद कैदियों के मामलों को गंभीर बताते हुए उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय से आग्रह किया है कि एक बांग्लादेशी समेत दो सजायाफ्ता कैदियों की अपील का चार महीने के भीतर निस्तारण करने का प्रयास किया जाये। उम्र कैद की सजा पाये ये कैदी 30 और 15 साल से हिरासत में है।

शीर्ष अदालत ने राज्य को निर्देश दिया कि यदि दोषियों ने ऐसा नहीं किया है तो उच्च न्यायालय के नियमों के अनुसार दो सप्ताह के भीतर लंबित अलग-अलग अपीलों में ‘पेपर बुक’ दाखिल करें, ताकि ये मामले सुनवाई के लिए आगे बढ़ सकें।

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा, ‘‘हम उच्च न्यायालय से अनुरोध करते हैं कि राज्य द्वारा अतिरिक्त पेपर बुक दाखिल करने की तारीख से चार महीने के भीतर आपराधिक अपीलों का निपटारा करने का प्रयास किया जाए।’’

उच्चतम न्यायालय ने हत्या के अलग-अलग मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे दो दोषियों द्वारा दाखिल याचिका पर यह आदेश पारित किया। उन्होंने इस आधार पर जमानत दिये जाने का अनुरोध किया है कि वे पहले ही क्रमशः 30 और 15 साल से अधिक समय से हिरासत में हैं और दोषसिद्धि के खिलाफ उनकी अपील उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है।

दोनों दोषियों ने अधिवक्ता ऋषि मल्होत्रा के माध्यम से दाखिल अपनी याचिका में कहा है कि त्वरित सुनवाई सुनिश्चित किए बिना व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित करना संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा) के अनुरूप नहीं है।

बहस के दौरान, राज्य के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ताओं में से एक विदेशी नागरिक है और राज्य की नीति के अनुसार, उसे समय से पहले रिहा नहीं किया जा सकता है। वकील ने कहा कि दूसरे याचिकाकर्ता के खिलाफ हत्या के प्रयास के कथित अपराध के लिए एक अलग मामले में मुकदमा लंबित है।

उन्होंने कहा कि कि दोनों याचिकाकर्ता राहत के लिए उच्च न्यायालय जा सकते हैं और शीर्ष अदालत इन मामलों का एक समय सीमा के भीतर निस्तारण तय करने के लिए अदालत से कह सकती है। जब मल्होत्रा ने शीर्ष अदालत से कहा कि वर्तमान में आगरा केंद्रीय जेल में बंद याचिकाकर्ताओं को जमानत दी जाए, तो पीठ ने कहा कि उन्हें उच्च न्यायालय का सहयोग करना चाहिए ताकि मामला आगे बढ़ सके।

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘इन तथ्यों से ऐसा लग सकता है कि यह याचिकाकर्ताओं को लंबे समय तक जेल में रखने का एक गंभीर मामला है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Apex court urges High Court to decide on appeal of two convicts within four months

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे