मुल्लापेरियार बांध की कितनी भी मरम्मत उसे टिकाऊ नहीं बना सकती : केरल ने शीर्ष अदालत से कहा

By भाषा | Updated: November 9, 2021 21:26 IST2021-11-09T21:26:00+5:302021-11-09T21:26:00+5:30

Any repair of Mullaperiyar dam can't make it sustainable: Kerala tells apex court | मुल्लापेरियार बांध की कितनी भी मरम्मत उसे टिकाऊ नहीं बना सकती : केरल ने शीर्ष अदालत से कहा

मुल्लापेरियार बांध की कितनी भी मरम्मत उसे टिकाऊ नहीं बना सकती : केरल ने शीर्ष अदालत से कहा

नयी दिल्ली, नौ नवंबर केरल सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि 126 साल पुराने खस्ताहाल मुल्लापेरियार बांध को कितनी भी मात्रा में मरम्मत कार्य टिकाऊ नहीं बना सकता है।

राज्य सरकार ने कहा कि मरम्मत कार्य और मजबूत करने के उपायों के जरिये बांधों को एक समय सीमा तक ही उपयोग के लायक रखा जा सकता है।

केरल सरकार ने कहा कि बांध से उत्पन्न खतरे को दूर करने और लाखों लोगों की सुरक्षा के लिए एकमात्र स्थायी हल मौजूदा बांध के निचले क्षेत्र में एक नया बांध बनाना है।

मुल्लापेरियार बांध का निर्माण 1895 में केरल के इडुक्की जिले में पेरियार नदी पर किया गया था।

केरल सरकार ने शीर्ष अदालत में दाखिल एक हलफनामे में न्यायालय से अनुरोध किया है कि बांध की ऊंचाई 142 फुट रखने के तमिलनाडु के प्रस्ताव को टाल दिया जाए।

हलफनामे में कहा गया है कि उत्तर-पूर्व मॉनसून से दिसंबर महीने तक होने वाली बारिश को ध्यान में रखते हुए यह अनुरोध किया जाता है कि जलाशय का अधिकतम जल स्तर 30 नवंबर को 140 फुट निर्धारित किया जा सकता है।

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